Tuesday, April 22, 2025
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ऊँटनी के दूध की मांग पूरे भारत में, खुल गया है डेयरी फार्म : डॉ. साहू

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बीकानेर Abhayindia.com अब ऊँटनी का दूध प्रदेश व कुछ राज्‍यों तक ही सीमित नहीं, बल्कि इसकी मांग पूरे भारत में उठने लगी है। ये विचार आज भाकृअनुपराष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसंधान केन्‍द्र (एनआरसीसी) में एनआरसीसी द्वारा दक्षिण भारत में ऊँट की उपयोगिता बढ़ाने एवं अंतरराष्‍ट्रीय ऊँट उत्‍सव में एनआरसीसी में आयोज्‍य प्रस्‍तावित पर्यटनीय गतिविधियों एवं ऊँट दौड़ प्रतियोगिता को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में केन्‍द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्‍धु साहू ने व्‍यक्‍त किए।

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में डॉ. साहू ने बताया कि एनआरसीसी द्वारा ऊँटनी के दूध के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं इसे एक व्‍यावसायिक स्‍वरूप प्रदान करने के लिए दक्षिण भारत की तरफ रूख किया गया है। इसे लेकर एनआरसीसी एवं अंकुशम प्रा.लि., पूणे के समन्‍वय से कोयम्‍बटुर में एक राष्‍ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें एक एमओयू पर भी हस्‍ताक्षर किए गए।

उन्‍होंन कहा कि अंकुशम प्रा.लि. द्वारा संघमित्रा के नाम से उष्‍ट्र दूध व दुग्‍ध उत्‍पादों का व्‍यवसाय प्रारम्‍भ किया गया है तथा इसके साथ ही कैमल मिल्‍क से संबंधित दक्षिण भारत में पहला कैमल डेयरी फार्म खुल गया है। डॉ. साहू ने एनआरसीसी से प्रेरित होकर दक्षिण भारत तक पहुंचे उष्‍ट्र दुग्‍ध व्‍यवसाय, मधुमेह एवं ऑटिज्‍म में ऊँटनी के दूध का महत्‍व, अन्‍य राज्‍यों में प्रसारित हो रहे उष्‍ट्र दुग्‍ध व्‍यवसाय तथा इनकी बिक्री स्थिति आदि पर बात करते हुए कहा कि प्रदेश के ऊँट पालकों को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए क्‍योंकि औषधीय उपयोगिता एवं इसकी बढ़ती मांग, दूध के अच्‍छे बाजार भाव दिलवाने में सक्षम है। इसलिए उन्‍हें दूध के उत्‍पादन, संकलन, प्रसंस्‍करण एवं सुलभता के लिए संगठित स्‍वरूप में आगे आना चाहिए। अन्‍य राज्‍य भी इसे अपनाते हुए लाभ कमाने लगे हैं।

डॉ. साहू ने अंतर्राष्‍ट्रीय ऊँट उत्‍सव के तहत आयोजित किए जा रही विभिन्‍न पर्यटनीय गतिविधियों एवं ऊँट दौड़ प्रतियोगिता के संबंध में बताते हुए कहा कि एनआरसीसी उष्‍ट्र पर्यटन विकास को लेकर खासा संजीदा है तथा इस दिशा में किए जा रहे नवाचार पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग द्वारा एनआरसीसी को ऊँट उत्‍सव संबंधी महत्‍वपूर्ण प्रस्‍तावित गतिव‍िधियों के लिए चुना जाना गौरव का विषय है तथा गतिविधियों को सफल बनाने के लिए केन्‍द्र त्‍वरित रूप से तैयारियां कर रहा है। इस अवसर पर केन्‍द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर. के. सावल ने आभार व्‍यक्‍त किया।

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