Saturday, February 1, 2025
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अधिकरण ने वन विभाग के तुगलकी आदेश को किया अपास्त, जानें- क्‍या है मामला…

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जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण, जोधपुर ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक जयपुर के आदेश 22.01.2025 को विधि विरूद्ध मानते हुए सभी कर्मचारियों को स्थगन आदेश बाद उन्हें पुनः उसी पद पर कार्य करने का आदेश जारी किया जहां वे स्थानान्तरण से पूर्व कार्यरत थे।

मामले के अनुसार, गिरिश कुमार लबाना, रायचंद राम व सुरेन्द्रसिंह शेखावत तीनों रेंजर ग्रेड द्वितीय व प्रथम पर क्रमश: जालोर, उदयपुर व बासवाड़ा में कार्यरत है। इनका स्थानान्तरण 15.01.2025 के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जयपुर के आदेश से हुआ। इन तीनों ने अपने स्थानान्तरण आदेश को अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष चुनौती दी। अधिकरण ने वन विभाग को नोटिस जारी करते हुए दिनांक 21.01.2025 को इन तीनों के पक्ष में स्थगन आदेश जारी किया गया।

स्थगन आदेश की अनुपालना में जब इन्होंने विभाग के समक्ष अपना कार्यग्रहण प्रस्तुत किया तो जिला वन अधिकारी द्वारा इन्हें कार्यग्रहण नहीं करवाते हुए उन्हें प्रधान मुख्य वन संरक्षक के आदेश दिनांक 22.01.2025 का हवाला देते हुए उन्हें जयपुर मुख्यालय पर अपनी उपस्थिति देने का आदेश प्रदान किया। दिनांक 22.012025 के आदेश में प्रधान मुख्य संरक्षक जयपुर ने शर्त संख्या 3 में यह अंकित किया कि किसी भी अधिकरण या उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर्मचारी स्थगन आदेश पशचात् सीधा अपने पूर्ण स्थान पर जहां वह स्थानान्तरण से पूर्व कार्यरत था वहां कार्यग्रहण नहीं करेगा बल्कि वह पहले जयपुर मुख्यालय पर अपनी उपस्थिति देगा व जयपुर से निर्देश प्राप्त होने पर अपने स्थान पर कार्यग्रहण करेगा।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक के इस आदेश को गिरिश कुमार लबाना, रायचंद राम व सुरेन्द्रसिंह शेखावत ने पुनः अधिकरण के समक्ष अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा ने माध्यम से यह निवेदन करते हुए चुनौती दी कि जब अधिकरण ने स्थगन आदेश प्रदान करते समय अपने स्थगन आदेश में स्पष्‍ट रूप से अंकित किया कि अपीलार्थी वहीं कार्य करेगा जहां वह स्थानान्तरण आदेश से पूर्व कार्यरत था। अतः प्रधान मुख्य वन संरक्षक का आदेश दिनांक 22.01.2025 अवमानना व जिला वन अधिकारी द्वारा स्थगन आदेश के पशचात् जयपुर मुख्यालय पर जाकर कार्यग्रहण करने का निर्देश देना मनमाना व विधि विरूद्ध व तुगलकी फरमान है।

अधिकरण ने तीनों अपीलार्थीयों के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल) जयपुर के आदेश दिनांक 22.01.2025 के तहत जिला वन अधिकारी द्वारा उन्हें जयपुर जाकर उपस्थिति देने को अधिकरण के आदेश के विपरीत माना व विधि विरूद्ध व नैसर्गिक न्याय विरूद्ध मानते हुए कर्मचारियों को स्थानांतरण आदेश से पूर्व जहां कार्यरत थे सीधे वहां ही जाकर कार्य ग्रहण करने का आदेश प्रदान करते हुए तीनों कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत अपील को स्वीकार किया।

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