Saturday, May 4, 2024
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बीकानेर: चंदा उड़ाकर दिया जाएगा खुशहाली का संदेश, नगर स्थापना पर सूर्यनुमा पतंग ‘चंदा’ उड़ाने की तैयारी

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बीकानेर Abhayindia.com कोरोना की इस विषम परिस्थितियों मेें व्यास परिवार की ओर से इस बार बीकानेर स्थापना दिवस पर आकाश में सूर्य की आकृति का चंदा उड़ाया जाएगा। इसकी तैयारियां अभी से चल रही है।

अक्षय द्वितीया और अक्षय तृतीया के मौके सूर्यनुमा ‘चंदा'(राजपतंग) उड़ाने की परम्परा भी रही है। कहा जाता है कि जब बीकानेर बसाने के बाद यहां के तत्कालीन राजा राव बीका ने तेज आंधियो में सूर्य न दिखने की वजह से, एक सूर्यनुमा पतंग बनाकर उसमें अपनी खुद की पगड़ी लगाकर सूर्यदेव को नमस्कार किया।

तब से ये परम्परा बीकानेर में चलती आ रही है। एक समय के बाद जब राजपरिवार में चन्दा उडऩा बंद हुआ तो मथेरण जाति के लोग इसे उड़ाने लगे और वर्तमान में कीकाणी व्यासों के चौक में हैप्पी व्यास परिवार पिछले 37 सालों से ये परम्परा निभा रहा है।

इस बार है विशेष…

व्यास के अनुसार इस वर्ष चंदे पर कई प्रकार के स्लोगन लिखे गए है जिसमे ‘पश्चिम धर रा बादशाह, पाछा लो अवतार, कोढ़ बांझ ने दूर करयो, अब करो कोरोना रो नाश’, ‘ऐ कोरोना यही पर रूक जाना कुछ काम अभी तक बाकी है, अरमान जलाते आया हूं अरमान जलाने बाकी है। इस प्रकार भगवान से अर्ज कर इस महामारी से छुटकारा पाने की आश की है । इसी प्रकार कोरोना वारियर्स के लिए भी ‘अपने करूणा के बुंदों से, जो रोक रहे है कोरोना की ज्वाला, खुद विष पीकर दुनिया को देते है अमृत का प्याला।’ जैसे स्लोगन लिखकर धन्यवाद किया गया।

हैप्पी व्यास परिवार के पंडित ब्रजेश्वर लाल व्यास बताया कि बीते 37 साल से हर परिस्थितियों से गुजरकर उन्होंने ये परम्परा निभाई है, गणेश व्यास के अनुसार प्रशासन की ओर से जारी गाईडलाईन को मानते हुए अगर समाज का एक-एक व्यक्ति उनकी पालना नहीं करेगा तो नुकसान पूरे शहर को हो सकता है। कोरोना महामारी से बचने का केवल एक मात्र उपचार है वो है बचाव ।

व्यास बताते है इस साल स्थापना दिवस पर उन्होंने चंदा बनाकर विधिवत मंत्रोचार से पूजन करेंगे और चन्दा उ़ाकर शहर के आमजनों से घर में रहने कि अपील चन्दा उडाकर करेंगे।

चंदा उ़ाने से नहीं फैल सकता कोरोना…

हैप्पी व्यास परिवार के राहुल व्यास ने बताया पिछले साल प्रशासन ने पंतग उड़ाने पर पांबदी लगाई थी जबकि इस बार अभी तक कोई आदेश नही आया है। पंतग की माने तो पंतग कट कर दुसरों के हाथों मे जाने से संक्रमण फैलने की आशंका रहती है जबकि चंदा उड़ाने से कोई आंशका नहीं रहती। चंदा उड़ाकर उसे नीचे उतार लिया जाता है।

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