Monday, June 9, 2025
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पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में किए गए आदेश पर उच्‍च न्‍यायालय ने लगाई अंतरिम रोक, माध्यमिक शिक्षा विभाग का मामला…

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जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश अरूण भंसाली ने प्राध्यापक (रसायन विज्ञान) के पद पर कायर्रत मुकुल भाटी को प्रशासनिक कारणोंं से पदस्थापन आदेश की प्रतिक्षा में किये गये आदेश पर अंतरिम राेक लगाते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय बगला, जिला चुरू में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत मुकुल भाटी जिसका प्राध्यापक के पद पर पदौन्नति 30.05.2015 को विभागीय पदौन्‍नति समिति के अनुशंषा पर राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 के तहत हुई थी। पदौन्नति के बाद उसका पदस्थापन, वर्तमान विधालय यानि राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय बगला, चुरू में प्राध्यापक (रसायन विज्ञान) के पद पर हुआ। इस आदेश के अनुसरण में प्रार्थी ने अपना कार्यग्रहण कर लिया। कार्य ग्रहण के पश्चात प्रार्थी द्वारा वर्तमान विधालय में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा था। निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर ने आदेश 17.06.2022 के आदेश से प्रार्थी को राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 के तहत प्रशासनिक कारणों से उसकी सेवाऐं पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर में कार्यग्रहण करने का आदेश पारित किया एवं एक अन्य आदेश 17.06.2022 से ही एक अन्य प्राध्यापक का स्थानान्तरण राजकीय सीनीयर सैकण्डरी विधालय अजमेर से राजकीय सीनीयर सैकण्डरी विधालय बगला चुरू में कर दिया, जहां पर प्रार्थी पूर्व में वर्ष 2015 से पदौन्नति पश्चात कार्यरत था।

विभाग के आदेश 17.06.2022 से व्यथित होकर मुकुल भाटी ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका अपने अधिवक्ता प्रमेन्‍द्र बोहरा के माध्यम से प्रस्तुत की। उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थी के अधिवक्ता का यह तर्क था कि प्रथमतया प्रार्थी को आदेश 17.06.2022 से पदस्थापन आदेशों की प्रतिक्षा में किया जाने का आदेश राजस्थान सेवा नियम 25ए के उल्लंघन मे जारी किया गया है एवं दूसरा प्रार्थी के स्थान पर अन्य व्यक्ति का पदस्थापन भी एक अन्य आदेश 17.06.2022 यानि उसी दिन कर दिया गया है। जो अनुचित एवं विधि विरूद्व है।

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