Saturday, July 6, 2024
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सौ करोड़ रूपए के बजट से विकसित होगा महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट

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जयपुर Abhayindia.com मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप न केवल राजस्थान और भारत अपितु पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उनकी वीरता, शौर्य और देशभक्ति को काल और भौगोलिक सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है। महाराणा प्रताप के जीवन से विषम परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटने तथा सदैव, सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और इस दिशा में 100 करोड़ रूपए की लागत से महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शर्मा शनिवार को उदयपुर के टाईगर हिल स्थित प्रताप गौरव केंद्र्र, राष्ट्रीय तीर्थ परिसर में आयोजित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंनेे कहा कि प्रताप गौरव केंद्र पर आकर जिस गौरव की अनुभूति हो रही है उसे शब्दों में कहना असंभव है। कल (9 जून) का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा हुआ है। कल मेवाड़ मुकुट, सनातन धर्म की आन-बान-शान, वीर शिरोमणि और हिंदुआ सूरज महाराणा प्रताप जी की जयंती है। उन्होंने महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि कल (9 जून) ही नरेन्द्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने वीर प्रसूता मेवाड़ धरा को नमन करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में राजपूताने का गौरवपूर्ण स्थान रहा है और इस राजपूताने में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है। उन्होंने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की शौर्यगाथा, मां पन्नाधाय के बलिदान, भामाशाह के सर्वस्व अर्पण तथा बप्पा रावल, महाराणा कुंभा और महाराणा सांगा की वीरता, पराक्रम को भी याद किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के त्याग, बलिदान और स्वाभिमान की गौरवगाथा सुनाई। उन्होंने कहा कि आज हमारी संस्कृति, सभ्यता व धर्म रक्षित हैं तो उसका कारण यही है कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरूष हुए, जो अपना राज्य बचाने के लिए नहीं बल्कि धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए लड़े। सर्वस्व त्याग कर जंगलों में रहकर और अभावों में जीवनयापन करके भी समर्पण नहीं किया। उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट पर खर्च होंगे 100 करोड़ रूपए

मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें किसी भी कीमत पर संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करना सिखाता है। नई पीढ़ी में ऐसे संस्कारों का संचार होना चाहिए। हम महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहते हैं। प्रदेश में जो भी पर्यटक आए, वह अपने साथ महाराणा प्रताप की शौर्य की गाथा साथ लेकर जाए। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों चावंड-हल्दीघाटी-गोगुंदा-कुंभलगढ़-दिवेर-उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने पर 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ आने पर होता है नई ऊर्जा का संचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति, उदयपुर ने प्रताप गौरव केंद्र, राष्ट्रीय तीर्थ बनाकर इतिहास के गर्त में छिपे मेवाड़ के त्याग, बलिदान, भक्ति को उद्घाटित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की 57 फीट की अष्टधातु से बनी प्रतिमा और विभिन्न दीर्घाएं इस स्थान को पुण्य भूमि का स्वरूप दे रहे हैं। यहां आने वाला हर पर्यटक नई ऊर्जा और संकल्प के साथ राष्ट्र भक्ति से सराबोर हो जाता है। महाराणा प्रताप हम सब के प्रेरणा स्रोत हैं और आने वाले हजारों वर्षों तक देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे।

गौरवशाली धरोहर को आने वाले पीढ़ी तक पहुंचाएं

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति, इतिहास, विरासत पर गर्व होना चाहिए, किस तरह से हमारे महापुरूषों ने तमाम विपरित परिस्थितियों के बावजूद अपने स्वाभिमान, अपनी स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया। हमें उस गौरवपूर्ण धरोहर को सहेज कर आने वाले पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहिए। इतिहास को जिस प्रकार तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया तथा बाहरी आक्रांताओं की पीढ़ी रटवाई गई, उन गलतियों को भी सुधारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम, संस्थाएं और पैनोरमा युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने में सहायक हैं।

कार्यक्रम के दौरान जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सहकारिता राज्य मंत्री गौतम दक, जीएम ग्रुप मुंबई के चैयरमेन रमेश जैन, जी बिजनेस मुंबई के मेनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम संयोजक प्रताप गौरव केंद्र समिति सचिव महावीर चपलोत, समाजसेवी चंद्रगुप्त सिंह ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। समिति के अध्यक्ष डॉ. भगवतीप्रकाश शर्मा व महामंत्री पवन शर्मा ने मुख्य वक्ता सहसरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल का स्वागत किया। निदेशक अनुराग सक्सेना, समिति के मंत्री मदनसिंह राठौड, अशोक पुरोहित, अभयसिंह राठौड़, एमएम टांक, प्रदीप बोहरा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम में धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निम्बाराम, श्रीवर्धन, प्रकाशचंद्र सहित कई प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

प्रताप को समर्पित चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ, अवलोकन

मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रताप गौरव केंद्र परिसर स्थित पद्मिनी सभागार में महाराणा प्रताप को समर्पित चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। प्रदर्शनी में महाराणा प्रताप जयंती समारोह के तहत आयोजित कला कार्यशाला में स्थानीय तथा देश भर से आए ख्यातनाम चित्रकारों द्वारा तैयार की गई कृतियों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए सराहना की। इस दौरान यहां पहुंचे शहरवासियों व प्रबुद्धजनों से मुलाकात की।

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