बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। कांग्रेस पार्टी में इस बार सीएम के उम्मीदवारों की फेहरिस्त काफी लंबी हो गई है। इस फेहरिस्त में नेता प्रतिपक्ष एवं नोखा से प्रत्याशी रामेश्वर लाल डूडी भी शामिल है। डूडी पिछली बार नोखा से जीत चुके हैं, लेकिन इस बार वे यहां त्रिकोणीय संघर्ष में फंस गए हैं। डूडी को एक ओर जहां भाजपा प्रत्याशी बिहारी लाल बिश्नोई से सीधी टक्कर मिल रही हैं, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से चुनाव लड़ रही उन्हीं की भानजी इंदु तर्ड़ मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ रही।
खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल को सीएम बनाने सरीखे नारे देकर इंदु तर्ड़ नोखा के गांव-गांव और ढाणी-ढाणी तक दस्तक दे रही हैं। इंदु का दावा है कि उनके साथ न केवल महिलाएं, बल्कि युवा भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे हैं। इंदु की मौजूदगी ने दिग्गज नेता डूडी को बेचैन कर रखा है, क्योंकि वो सीधे तौर पर जाट वोटों में सेंध लगाती नजर आ रही है। इसके अलावा पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके बिहारी लाल बिश्नोई इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। ऐसे में उन्हें जातिगत के अलावा पार्टी के वोटों पर भी भरोसा है। यह कहा जा सकता है कि बिहारी लाल और इंदु के मजबूती से उभरने से डूडी की मुश्किलें बढ़ी तो है। इसके बावजूद डूडी को कांग्रेस पार्टी के परंपरागत वोटों और खुद के सीएम कैंडिडेट होने का सहारा बचा हुआ है। इसके अलावा वे रूठे हुए को मनाने में भी तेजी दिखाते हुए बाजी को पलटने के लिए जी-तोड़ मेहनत करते नजर आ रहे हैं।
बहरहाल, नोखा में यह चर्चा आम हो गई है कि नेता प्रतिपक्ष चूंकि सीएम के दावेदार हैं, इसलिए उन्हें अपना ‘घर’ छोड़कर अन्य सीटों पर भी पार्टी का प्रचार करना चाहिए। लोगों का तो यहां तक कहना है कि चाहे डूडी पूरे प्रदेश के दौरे के लिए नहीं निकले, लेकिन कम से कम जिले की सातों सीटों पर तो अपने उम्मीदवारों के लिए उन्हें प्रचार करना ही चाहिए। अलबत्ता यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में नेता प्रतिपक्ष डूडी त्रिकोणीय संघर्ष से कैसे उबर पाते हैं?
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