जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच से पहले बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने सीएम गहलोत की मुश्किलें बढ़ा रखी है। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक वाजिब अली और गिर्राज सिंह मलिंगा के बागी तेवर अब भी बरकरार हैं।
विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा का कहना है कि संकट में कांग्रेस को समर्थन दिया। बदले में मुझे केस मिले। मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का कहना है कि बसपा विधायकों को उचित सम्मान नहीं मिला।
विधायक वाजिब अली का कहना है कि अफसरशाही हावी है। सीएम से कई बार अपने विधानसभा के लंबित काम पूरा करने के लिए अनुरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वाजिब अली ने कहा कि हमारे क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी और अवैध खनन की बहुत शिकायतें थीं। मैंने खुद मुख्यमंत्री को इसे लेकर पत्र लिखा लेकिन पता नहीं वह चीजें कहां चली जाती हैं। खुद को कोई पद नहीं दिए जाने पर वाजिब अली ने व्यंग कसते हुए कहा कि पद देने वालों की भी नजरें बहुत बढ़ी होती हैं। उन्हें पार्टी में संतुलन बनाना पड़ता है। जो उन्हें योग्य लगे उनको एडजस्ट कर दिया गया। हम तो जनता के ट्रस्टी हैं। जनता के लिए काम कर रहे हैं। यही हमारा कर्तव्य है। इस बीच, खबर है कि इन विधायकों को साधने के लिए मुख्यमंत्री के एक नजदीकी नेता गुढ़ा के घर पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। विधायकों ने साफ कर दिया कि उनसे जो वादे किए गए थे, वो ही पूरे नहीं हुए। कहा गया था कि कोई भी विधायक, विधायक नहीं रहेगा। सभी को पद मिलेंगे। आज नौकरशाही के हावी होने से जनता के काम तक नहीं हो रहे। राज्यमंत्री राजेन्द्र गुढ़ा, खिलाड़ी बैरवा, गिर्राज मंलिगा, वाजिब अली और संदीप यादव ने सरकार पर हमला बोला। उनके साथ लाखन मीणा भी मौजूद थे।