Friday, May 16, 2025
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बीकानेर में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिये सख्ती, कारावास-जुर्माना …

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बीकानेर abhayindia.com ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए रात 10 से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि प्रसार यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। साथ ही पंजीयन के बिना वाहन का प्रयोग पाए जाने की स्थिति में जुर्माने के साथ कारावास का प्रावधान किया गया है। जिला कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट कुमार पाल गौतम ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार यह प्रतिबंध लगाया गया है।

गौतम ने बताया कि ध्वनि प्रसार यंत्रों व उच्च तीव्रता की ध्वनि के चलते बीमार व्यक्तियों, निशक्तजन, बुजुर्ग व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, हृदय रोग से ग्रसित व्यक्तियों, नवजात शिशुओं, विद्यार्थियों, चिकित्सालयों में उपचारत व्यक्तियों, राजकीय कार्यालयों, पशुपक्षियों आदि पर डीजे युक्त वाहनों व लाउड स्पीकरों का प्रयोग करने से हो रहे विपरीत असर को रोकने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं।

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लाउडस्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली का प्रयोग केवल प्राधिकरण से लिखित अनुज्ञा लेने के बाद ही किया जा सकेगा। लाउडस्पीकर या ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण किसी सांस्कृतिक या धार्मिक पर्व के अवसर पर या उसके दौरान लाउडस्पीकर्स या सम्बोधन प्रणाली का प्रयोग रात में दस से 12 बजे तक की सीमित अवधि के लिए, जो किसी कलेण्डर वर्ष के दौरान कुल मिलाकर पन्द्रह दिन से अधिक की नहीं होगी।

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गौतम ने बताया कि धवनि प्रदूषण (विनियम एवं नियंत्रण) नियम 2005 के नियम के अनुसार सार्वजनिक स्थान जहां लाउडस्पीकर या अन्य सम्बोधन प्रणाली या अन्य कोई स्रोत उपयोग में लाया जा रहा है, की चारदीवारी में ध्वनि स्तर क्षेत्र के लिए परिवेशी ध्वनि स्तर 10 डीबी(ए) या 75 डीबी(ए) जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा तथा किसी निजी स्वामित्व वाले स्थान पर ध्वनि मानक 5 डीबी(ए) से अधिक नहीं होगा।

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मोटर यान अधिनियम 1988 की अनुपालना जरूरी

जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि किसी सार्वजनिक स्थान में या किसी अन्य स्थान में किसी मोटर यान को कोई व्यक्ति तभी चलाएगा और कोई मोटर यान का स्वामी तभी चलाएगा या चलाने की अनुमति देगा जब वह यान मोटर यान अधिनियम के तहत रजिस्ट्रीकृत हो। गौतम ने बताया कि बिना पंजीयन के वाहन का प्रयोग होने पर प्रथम दोषसिद्धि पर 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड से तथा द्वितीय व पश्चातवर्ती दोषसिद्धि पर एक वर्ष तक कारावास या अर्थदण्ड से दण्डित किया जाएगा।

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परमिट लेना अनिवार्य
गौतम ने बताया कि यात्री या माल परिवहन के रूप में वाहन का प्रयोग किए जाने से पूर्व परमिट लेना अनिवार्य है। परमिट नहीं लेने या परमिट की शर्तों की अनुपालना नहीं करने की स्थिति में प्रथम अपराध की दोषसिद्धि पर 5 हजार तथा कम से कम 2 हजार रूपए तक के अर्थदण्ड से द्वितीय व इसके बाद दोषसिद्धि पर एक वर्ष तक व कम से कम तीन माह के कारावास से दण्डित किया जा सकेगा। धारा 207 रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र, परमिट आदि के बिना उपयोग किए गए वाहनों को निरूद्ध करने के आदेश दिए गए हैं। गौतम ने बताया कि नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए सभी उपखंड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार व कार्यपालक मजिस्ट्रेट को निर्देश जारी किए गए हैं।
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