Monday, May 12, 2025
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RPSC : वन टाइम रजिस्‍ट्रेशन शुरू, यूनीक आईडी से भर जाएगा फॉर्म, बार-बार सूचनाएं देने की नहीं जरूरत

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जयपुर Abhayindia.com राजस्थान लोक सेवा आयोग ने देशप्रदेश के अभ्यर्थियों को नव वर्ष की सौगात दी। सोमवार को आयोग परिसर में आयोजित संक्षिप्त समारोह में अध्यक्ष डॉ. शिव सिंह राठौड़ ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन का शुभारंभ किया। इसके साथ ही अब राज्य में विभिन्न भर्तियों के लिए आवेदन करने लाखों अभ्यर्थियों को राजस्थान लोक सेवा आयोग के भर्ती आवेदन फॉर्म बारबार भरने की जरूरत नहीं होगी। इसके तहत अभ्यर्थियों को यूनीक रजिस्ट्रेशन नंबर (आईडी) मिलेगा। इससे फॉर्म में उनकी सारी सूचनाएं ऑटोमेटिक भर जाएंगी। इसके बाद वे केवल वांछित शुल्क देकर परीक्षा में बैठ सकेंगे।

वन टाइम रजिस्ट्रेशन के शुभारंभ अवसर पर डॉ. राठौड़ ने कहा कि आयोग परिवार अभ्यर्थियों के हित में सुविधाओं का विस्तार करने को सदैव प्रतिबद्ध है। गत वर्ष दिसम्बर माह में आयोग द्वारा अभ्यर्थी परिवेदना पोर्टल एवं 76 भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया गया था। वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के माध्यम से सभी अभ्यर्थियों को विशेषकर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले अभ्यर्थियों को सहूलियत मिलेगी।

डॉ. राठौड़ ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि आवेदनों में नाम की वर्तनी, पिता का नाम, गृह जिला आदि जैसी जानकारियों की प्रविष्टि के समय गलती रह जाती है। इसके कारण अभ्यर्थियों को व आयोग को भी काफी परेशानियों का सामना करना पडता है। कई बार अभ्यर्थियों द्वारा गलती सुधारने के लिए पुनः आवेदन तक कर दिया जाता है। ऐसे में आयोग को एक ही व्यक्ति के 2 व अधिक आवेदन भी प्राप्त होते हैं। इन आवेदनों में से एक आवेदन को मान्यता देना व दूसरे को खारिज करना पडता है। आयोग द्वारा दिए गए संशोधन के अवसर पर भी अभ्यर्थियों का अमूल्य श्रम व धन व्यय होता है। इन सबसे भर्ती प्रक्रिया में भी विलंब होता है साथ ही अभ्यर्थियों द्वारा की गयी त्रुटि अनावश्यक वादकरण का कारण भी बनती है। अभ्यर्थियों की इस समस्या पर आयोग द्वारा काफी समय से गहन अनुसंधान के बाद प्रक्रिया विकसित करने का कार्य किया जा रहा था। अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज आयोग द्वारा वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा सका है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आयोग के नवाचारों की श्रृंखला में आॅन स्क्रीन मार्किंग की भांति यह प्रक्रिया भी मील का पत्थर सिद्ध होगी।

डॉ. राठौड़ ने कहा कि कोरोना महामारी की चुनौतियों के मध्य आयोग द्वारा पूर्ण निष्पक्ष तरीके से शुचिता पूर्ण भर्ती परीक्षाओं व साक्षात्कारों का आयोजन किया गया है। अभ्यर्थना से लेकर अभिस्तावना तक के कार्य आयोग द्वारा गति से सम्पन्न किए जा रहे हैं। विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम, पदोन्नति बैठकों का आयोजन, अभिस्तावना प्रेषित करना व आगामी परीक्षाओं की कार्य योजनाओं पर आयोग द्वारा निर्बाध गति से कार्य किया जा रहा है।

स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में भी दर्शाई गई प्रणाली

डॉ. राठौड़ ने बताया कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के दौरान भी चर्चा की गई थी। आयोग की इस प्रक्रिया की बैठक में उपस्थित सभी आयोग अध्यक्षों द्वारा सराहना की गई है।

मीडिया ने किया सकारात्मक भूमिका का निर्वहन

डॉ. राठौड़ ने कहा कि मीडिया को ‘‘चौथे स्तंभ’’ के रूप में जाना जाता है। 18वीं शताब्दी के बाद से, खासकर अमेरिकी स्वतंत्रता आंदोलन और फ्रांसीसी क्रांति के समय से जनता तक पहुँचने और उसे जागरूक कर सक्षम बनाने में मीडिया ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मीडिया अगर सकारात्मक भूमिका अदा करें तो किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है।

वर्तमान समय में मीडिया की उपयोगिता, महत्त्व एवं भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है। आयोग के नवाचारों को अभ्यर्थियों तक पहुंचाने में मीडिया समूहों ने भी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया है। इसलिये मीडिया कर्मियों से आग्रह है कि आयोग के सकारात्मक कार्यों को आगे भी देशप्रदेश के युवा अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का प्रयत्न करते रहें।

वर्तमान सुविधा भविष्य की सोच : सचिव एचएल अटल

सचिव एचएल अटल ने कहा कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आवेदन प्रक्रिया को अत्यंत सरल बना देगी। अभ्यर्थी मात्र एक बार विवरण दर्ज करेगा व इसका उपयोग आयोग की अन्य भर्ती परीक्षाओं में आवेदन करते समय कर सकेगा। आयोग द्वारा वर्तमान की सुविधा के साथ भविष्य की सोच का भी इस प्रक्रिया के निर्माण में ख्याल रखा गया है। भविष्य में इस प्रक्रिया का उपयोग साक्षात्कार व काउंसलिंग के समय दस्तावेजों के प्रमाणीकरण में भी किया जा सकेगा।

प्रणाली के संवर्धन व नवाचारों पर निरंतर कार्य : संयुक्त सचिव आशुतोष गुप्ता

ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्रों में निवासरत अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए अन्य व्यक्तियों व जगह से आवेदन करना पडता है। इस वजह से कभी कभी फोटो, हस्ताक्षर व अन्य मूल विवरण भरने में त्रुटि रह जाती है। इसके फलस्वरूप अभ्यर्थियों को अनावश्यक आर्थिक नुकसान व कष्ट उठाना पड़ता है। इसलिए आयोग द्वारा अभ्यर्थियों के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। भविष्य में भी आयोग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के अन्य नवाचार व प्रणाली के संवर्धन का कार्य किया जाता रहेगा।

दो समान प्रोफाइल होने पर होगा सत्यापन : अखिलेश मित्तल, अतिरिक्त निदेशक आईटी

वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में यदि डुप्लीकेट अभ्यर्थी प्रदर्शित होता है तो उसको अस्थाई तौर पर अनुमत करते हुए फार्म भरने दिया जाएगा किंतु आयोग बाद में उसका सत्यापन कर उसे अलग अभ्यर्थी होने की दशा में ही ओ.टी.आर. नम्बर देगा। अन्यथा उसको पूर्व में दिये गये ओ.टी.आर. नम्बर एवं एस.एस.ओ आई.डी.में विलय/मर्ज करेगा एवं अभ्यर्थी को एस.एम.एस. से सूचित करेगा। प्रथम बार आवेदन पश्चात अभ्यर्थी द्वारा अन्य परीक्षा अथवा विषय में आवेदन के समय पूर्व में प्रविष्ट किया गया पूर्ण डेटा प्रदर्शित होगा ताकि पुनः सम्पूर्ण विवरण नहीं भरना पडे़। इससे आयोग एवं अभ्यर्थी को काफी सहयोग मिलेगा एवं अनावश्यक समस्याओं एवं वादों से निजात मिलेगी

वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप

अभ्यर्थी को अपनी एस.एस.ओ आई.डी. से लॉगिन करने के पश्चात स्टेट रिक्रूटमेंट पोर्टल पर जाना होगा।

स्टेट रिक्रूटमेंट पोर्टल पर अभ्यर्थी को वनटाइम रजिस्ट्रेशन लिंक को क्लिक करना होगा।

वनटाईम रजिस्ट्रेशन में अभ्यर्थी को अपना नाम, जन्म तिथि, पिता का नाम, जेण्डर एवं मोबाइल इत्यादि विवरण देने होंगे। यदि एस.एस.ओ प्रोफाइल में पूर्व में कोई विवरण भरा हुआ है तो वह भी यहां प्रदर्शित होगा।

विवरण में कोई परिवर्तन करना है तो वह रजिस्ट्रेशन विंडो पर किया जा सकता है। विवरण को अद्यतन भी किया जा सकेगा।

अभ्यर्थी को अपनी सैकण्डरी परीक्षा अथवा समकक्ष परीक्षा का रोल..,परीक्षा वर्ष एवं बोर्ड के इन्द्राज के साथ सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। भविष्य में ईवाल्ट से इसे इंटीग्रेटेड भी किया जाएगा ताकि सर्टिफिकेट अपलोड की आवश्यकता न हो।

अभ्यर्थी को अपना फोटो पहचान पत्र (पैन कार्ड, वोटर आई.डी, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक मय विवरण) अपलोड करना होगा।

अभ्यर्थी द्वारा प्रविष्ट की गई सूचना की पुष्टि की जाएगी।

मोबाइल पर ओ.टी.पी. के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा।

सत्यापन प्रक्रिया सफलतापूर्वक सम्पन्न करने पर यूनिक वन टाइम रजिस्ट्रेशन संख्या जनरेट हो जाएगी।

क्या है वन टाइम रजिस्ट्रेशन

वन टाइम रजिस्ट्रेशन के माध्यम से अभ्यर्थी को एक ही बार प्रोफाइल डिटेल देनी होगी। इससे अलगअलग भर्तियों के लिए आवेदन करते समय अभ्यर्थी को पुनः नाम, योग्यता व अन्य वांछित जानकारियां देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। आयोग द्वारा दिए गए यूनिक नंबर को दर्ज करने मात्र से अभ्यर्थी द्वारा प्रोफाइल में दर्ज विवरण का फार्म में स्वतः ही इन्द्राज हो जाएगा। प्रोफाइल को समयसमय पर अद्यतन करने की सुविधा भी रहेगी।

वन टाइम रजिस्ट्रेशन के लाभ

अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन के समय नाम की वर्तनी, लिंग, जन्म दिनांक व अन्य मूल विवरणों में जो त्रुटि हो जाती है उनकी संभावना कम होगी।

त्रुटियों के कारण होने वाले वाद व परिवेदनाओं में कमी आएगी।

आवेदन के समय अभ्यर्थी को मूल दस्तावेजों की बारबार आवश्यकता नहीं पडेगी।

आवेदन को पूरा भर कर सब्मिट करने में लगने वाले समय में कमी आएगी।

दूरदराज के क्षेत्रों में निवासरत अभ्यर्थियों को आवेदन में सहूलियत मिलेगी।

त्रुटि सुधार के लिए होने वाले अभ्यर्थी के व्यय को कम किया जा सकेगा।

भर्ती प्रक्रिया में आएगी तेजी।

आरपीएससी के प्रोटोकॉल आफिसर्स ने किया प्रशंसनीय कार्य

राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यक्ष डॉ. शिव सिंह राठौड़ ने कहा कि आयोग के कार्मिकों की ईमानदारी व निष्ठा की प्रशंसा अन्य राज्य लोक सेवा आयोग अध्यक्षों द्वारा भी की गई है। स्टैंडिंग कमेटी बैठक के बाद उनके द्वारा मुझे इसके लिए विशेष बधाई देते हुए सभी कार्मिकों का आभार व्यक्त किया गया है।

डॉ. राठौड स्टैंडिंग कमेटी बैठक आयोजन के समय नियुक्त किए गए सभी प्रोटोकॉल आफिसर की बैठक को सोमवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अजमेर पधारे सभी आयोग अध्यक्षों द्वारा आयोग कार्मिकों द्वारा की गई व्यवस्थाओं व स्वागत सत्कार की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई है।

आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सचिव श्री एचएल अटल, व संयुक्त सचिव श्री आशुतोष गुप्ता के निर्देशन में सभी के द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। सहायक निदेशक, अनुसंधान अनुभाग श्री डिप्टी मोहन बागड़ी द्वारा समन्वयक की भूमिका का निर्वहन बखूबी किया गया। इसी प्रकार प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में नियुक्त किए गए डॉ. अंकुश अरोडा, श्री गौरी शंकर जनागल, श्री पुरुषोत्तम शर्मा, श्री अशोक कुमार, रक्षपाल सिंह व दिनेश सिंगोदिया द्वारा पूर्ण निष्ठा व समर्पण से दायित्वों का निर्वहन किया गया।

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