







जयपुर Abhayindia.com राज्य सरकार ने रीट पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रीट की लेवल-2 परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि लेवल-1 की परीक्षा निरस्त नहीं होगी। इस साल रीट लेवल-1 परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी, इन्हें कोई दूसरी परीक्षा नहीं देनी होगी। अब रीट में 62 हजार भर्तियां होंगी। लेवल-2 की जो परीक्षा निरस्त हुई है, वह अगस्त तक होने की संभावना है।
गहलोत ने कहा कि रीट लेवल वन और लेवल 2 मिलाकर कुल 62 हजार हो जाएगी। लेवल वन के 15 हजार पद अलग रह जाएंगे। पहले की तरह ही एलिजिबिलिटी टेस्ट लेंगे। वेलिडिटी आजीवन रहेगी। विषयवार अलग से एग्जाम करवााए जाएंगे। एलिजिबिलिटी टेस्ट के बाद भर्ती परीक्षा होगी। जस्टिस व्यास की अध्यक्षता वाली कमेटी की 15 मार्च तक रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट मिलते ही एग्जाम की तारीख बता देंगे। विधानसभा सत्र में कड़ा कानून लेकर आएंगे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा है कि अब रीट प्रमाण पत्र की वेलिडिटी आजीवन रहेगी। इससे पहले रीट के सर्टिफिकेट की वेलिडिटी 3 साल थी। जिसे लेकर अभ्यर्थियों ने काफी विरोध भी जताया था। तीन साल से रीट ( REET ) एग्जाम न होने के चलते रीट 2018 के 2.53 लाख रीट प्रमाण पत्रों की वैधता 31 जुलाई 2021 को खत्म हो गई थी।
आपको बता दें कि रीट परीक्षा करीब 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी। रीट कुल 32 हजार पदों के लिए हुई थी। लेवल-1 के 15 हजार 500 और लेवल-2 के 16 हजार 500 पद थे, लेकिन परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था। पेपर 33 से ज्यादा सेंटर पर पहुंचा। गंगापुर सिटी से पहली बार पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद एसओजी ने इसकी जांच शुरू की तो सामने आया कि शिक्षा संकुल से पेपर लीक हुआ। एसओजी रामकृपाल, उदयलाल, भजनलाल, बत्तीलाल और पृथ्वीलाल समेत 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।



