Wednesday, April 23, 2025
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गाय, गोचर के मुद्दे पर राजस्थान का विपक्ष अपनी चुप्पी का स्पष्टीकरण दें : दिनेश गिरी महाराज

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बीकानेर Abhayindia.com हमेशा शास्त्रों की बात करने वाले संत यदि जरूरत पड़ी तो शस्त्र व शास्त्र दोनों ही भाषाएँ जानते हैं। सरकार ने गोचर, ओरण, पायतान पर कब्जों को नियमन करने का जो आदेश देकर संत समाज को ललकारा है, सरकार समय रहते ये आदेश वापिस लें नहीं तो सरकारों को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। ये विचार शरह नथानिया गोचर में संत समागम के अवसर पर राजस्थान गो सेवा समिति के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश गिरी महाराज ने व्यक्त किये।

दिनेश गिरी महाराज ने कहा कि गाय व गोचर की लड़ाई का नेतृत्व कर भाटी ने राजनेताओं के सामने एक आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने कहा सरकार ने कानून बना दिया लेकिन राजस्थान का विपक्ष इस विषय पर चुप क्यों है वो भी अपना स्पष्टीकरण दें। उन्होंने भाटी को परम गोभक्त की उपमा देते हुए कहा कि भाटी जी का जब साथ है तो गोचर की बंदरबांट नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा यह कानून तो सरकार को हटाना ही पड़ेगा संत समाज गो संवर्धन के लिए दृढ़ संकलप्ति है यदि इसके लिए संतों को अपने प्राणों की आहुति भी देनी पड़ेगा तो संत समाज के लिए सौभाग्य की बात होगी। उन्‍होंने कहा कि हम यहां भाटी जी को समर्थन देने नहीं उनका साथ देने आये है हमारा उद्देश्य एक है इसलिए साथ लेने भी आये हैं।

इससे श्रीपति घाम नन्दवन सिरोही से आये संत गोविन्दराम महाराज ने कहा कि इस आन्दोलन में गो सेवा समिति के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में सक्रिय है। संस्कृति पर हुए इस प्रहार को सहन नहीं किया जावेगा। देवली मठ जोधपुर से रामदास महाराज ने कहा गोचर आन्दोलन में संत महात्मा देवी सिंह भाटी के साथ है यदि जरूरत पड़ी तो संत समाज किसी भी स्तर तक जाने को तैयार है। इतिहास गवाह रहा है कि भाटी के आन्दोलन ने हमेशा ही अमिट छाप छोड़ी है इस बार भी ये सरकार को झुका कर रहेंगे।

बाड़मेर से रघुनाथ भारती महाराज ने कहा कि मुगलों व अंग्रेजों ने भी कभी गोचर को छेड़ने की हिमाकत नहीं की लेकिन हमारे ही द्वारा चुनी गई सरकारें गोचर के साथ छेड़छाड़ कर रही हैं। इन्होंने कानून वापिस लेने व गोचर संरक्षण के लिए नया कानून बनाने की पुरजोर मांग उठायी। बूंदी से आये संत आत्माराम जी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार से ये सरकार काले कानून ला रही है हमें बहुत सजग होने की आवश्यकता है। संत समाज इन काले कानूनों की निन्दा करता है।

स्वामी सोमगिरी महाराज के उत्तराधिकारी शिवबाड़ी महंत विमर्शानंद महाराज ने कहा कि आज का यह संत समागम वास्तव में संकल्प दिवस है। गाय हमारी अस्मिता का प्रतीक है धेनू व धरती का संरक्षण होना ही चाहिए विमर्शानंद महाराज ने विश्वास जताया कि इस संकल्प दिवस की परिणति विजय दिवस के रूप में होगी। सुरजनाथ महाराज ने कहा कि सरकार समय रहते अपनी भूल सुधार लें व पाप का भागी नहीं बने।

गो सेवा संघ के अध्यक्ष ललित दाधीच ने कहा कि भाटी ने इस शरह नथानियान गोचर भूमि में 40 किमी. लम्बी दीवार निर्माण का संकल्प लिया जो आज पूरा होने की ओर अग्रसर है यह अपने आप में विश्व कीर्तिमान बनेगा। उन्होंने कहा उनके संगठन का प्रत्येक कार्यकर्ता भाटी के इस आन्दोलन में उसके साथ खड़ा हैं। इस अवसर पर भावनाथ भारती महाराज, सरजू दास महाराज, नारायण पुरी व अन्य संतों ने भी विचार रखें।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो शून्य खर्च आधारित व्यवस्था दी थी उसे चुनी हुई सरकारों ने तहस नहस कर दिया। पहले यह काम सरकारें चोर दरवाजों से करती थी समाज जागरूक नहीं हुआ तो सरकारों की हिम्मत बढ़ी व काले कानून लाकर गोमाता की भूमि को हड़पने की साजिशे खुलेआम होने लगी है। भाटी ने कहा कि वे जीते जी संतों के आशीर्वाद से गोचर में डाका नहीं पड़ने देंगे। हम किसी सरकार की प्रवाह नहीं करते गाय के लिए यदि हमें जान भी देनी पड़े तो ये मेरा सौभाग्य होगा। भाटी ने कहा कि गाय व गोचर का संरक्षण व संवर्धन संनातनियों का धर्म है। इस धरने ने गोचर , ओरण के प्रति जन जागृति पैदा की हैं। भाटी ने प्रदेश की सभी गो संरक्षण व संवर्धन व गोशाला के कार्य में लगे गो भक्तों से आहवान किया कि वे सभी एक छत के नीचे आये व साथ में इस जग को लड़े तो इन सरकारों को झुकना ही पड़ेगा।

सभा का संचालन गो सेवा समिति के पदाधिकारी व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रघुनाथ सिंह राजपुरोहित ने किया। इससे पूर्व आये हुए सभी संतों का स्वागत अंशुमानसिंह भाटी, समाजसेवी देवकिशन चांडक, रामकिशन आचार्य, ब्रजरतन किराडू, सुनील बांठिया ने पुष्पाहार पहनाकर स्वागत किया।

आज इससे पूर्व धरना स्थल पर प्रसिद्ध भजन गायक व गो भक्त डॉ. ओम मुंडेर सुबह धरना स्थल पर पहुंचे व भाटी को इस कार्य के लिए साधुवाद दिया व गोचर की इस लड़ाई में अपने स्तर पर सहयोग की पेशकश की । इससे पूर्व आज जैसे ही प्रदेश भर से आये संतों का दल का स्वागत गो भक्तों ने जाकर हल्दीराम प्याऊ पर किया उसके बाद राजस्थान गो सेवा सेवा समिति के पदाधिकारी , संत समाज व गो भक्तों के हुजुम के साथ रवाना हुए।

एक बड़ी वाहन रैली के रूप में सैकड़ों वाहनों के साथ यह काफिला सागर रोड़ , म्यूजिम चौराहा , पब्लिक पार्क , कचहरी परिसर से होते हुए केईएम रोड़ , बड़ा हनुमान मंदिर , मुख्य डाकघर , फड़ बाजार चौराहा , चौखुंटी पुलिया , जस्सुसर गेट, विश्वकर्मा गेट , जवाहर नगर , चुगी चौकी , करमीसर फांटा , मुरलीधर व्यास नगर से शरह नथानियान गोचर भूमि पहुंचा। रैली में आगे एक डीजे पर गोमाता के भजन चल रहे थे तो वही राम , लक्ष्मण , हनुमान की सचेतन झाकियां भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी । संतों के इस वाहन रैली पर जगह जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया । सड़क के दोनों ओर संतों का दर्शन करने के लिए महिलाओं की भीड़ रही। संत समागम में शिरकत करने प्रदेश के विभिन्न जिलों से गो भक्त धरना स्थल पर उपस्थित थे।

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