Saturday, March 22, 2025
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राजस्थान लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक पारित, मंत्री ने कहा- लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए लड़ी लड़ाई

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जयपुर Abhayindia.com संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि भारत की पहचान पूरे विश्व में लोकतंत्र की जननी के रूप में थी, लेकिन आपातकाल कालावधि (25 जून, 1975 से 21 मार्च 1977) लोकतंत्र के लिए काला अध्याय बन गया। इसमें भारतीयों की आजादी छीन ली गई। न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगा दिया गया था। वह एक काला कालखंड था, लेकिन देश के लोकतंत्र सेनानी लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ी जिससे लोकतंत्र को पुनः प्रवर्तित किया जा सका। हमारी सरकार उन्हीं सेनानियों और उनके परिवार के सम्मान के लिए हमेशा प्रतिबद्धता से खड़ी है। चर्चा के बाद सदन ने राजस्थान लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक, 2024 ध्वनिमत से पारित कर दिया।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वर्ष 2019 में राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि नियम 2008 को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद वर्तमान सरकार ने 14 मार्च 2024 को इन नियमों को एक जनवरी 2024 से पुनः प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में कुल 921 लोकतंत्र सेनानी एवं 219 दिवंगत लोकतंत्र सेनानियों के आश्रित (पति/पत्नी) हैं। इस प्रकार कुल 1140 लोकतंत्र सेनानियों एवं उनके आश्रितों को बीस हजार रूपए मासिक पेंशन एवं चार हजार रूपए मासिक चिकित्सा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करना हमारा प्रथम कर्तव्य है।

पटेल शुक्रवार को विधान सभा में राजस्थान लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक, 2024 पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मूल निवासी जो कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से लड़े और ऐसी गतिविधियों में भाग लेने के कारण मीसा या भारत रक्षा नियम, 1971 या दंड प्रक्रिया संहिता के अधीन जेल में निरूद्ध रखे गए थे। उन लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि, चिकित्सा सहायता एवं निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय उत्सवों पर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। इनकी मृत्यु होने पर पति/पत्नी को जीवन काल के लिए सम्मान राशि, चिकित्सा सहायता का प्रावधान किया गया है।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के त्याग और तपस्या का ही परिणाम है कि आज हम लोकतांत्रिक माहौल में है। उन्होंने कहा कि उन्हीं की प्रेरणा से हमारी सरकार भी लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विधेयक पर प्राप्त सुझावों पर भी सरकार नियमानुसार आगे बढ़ेगी। पटेल ने जीवित लोकतंत्र सेनानियों के दीर्घायु होने के लिए कामना की। उन्होंने कहा कि हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि न्यायपालिका के निर्णय के विरुद्ध में अवैधानिक तरीके से आपातकाल लागू किया गया। पूरे देश में डर का वातावरण बनाया गया। इसे कदापि न्याय संगत नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपातकाल लागू होने से विभिन्न धाराओं में निर्दोषों की गिरफ्तारियां हुई। केवल लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए बहाली की मांग करने पर कठोर धाराएं लगाकर लोगों को प्रताड़ित किया गया।

उन्होंने कहा कि बाबासाहेब द्वारा रचित संविधान का अपमान आपातकाल लगाकर किया गया। जबरन नसबंदी, असंवैधानिक गिरफ्तारियों एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगे प्रतिबंधों का सबसे ज्यादा नुकसान वंचित वर्गों को हुआ। उन्हीं को संबल देने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह बिल लाया गया है।

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