जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में मानसून के दस्तक देने से वातावरण में भले ही गरमी कुछ हो गई हो, लेकिन सियासत में गरमा-गरमी तेज हो गई है। अब तक कांग्रेस में गहलोत-पायलट गुट के बीच बयानबाजी जोरों पर हैं, वहीं दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा में भी बस बात को लेकर बयानों के बाण तेज हो गए हैं कि राजस्थान में आखिर सबसे बड़ा “नेता” या “चेहरा” कौन है?
आपको बता दें कि हाल में भाजपा कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर्स से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की फोटो को जगह नहीं देने मामला दिल्ली तक गरमा गया था। इसके बाद से अब वसुंधरा समर्थक व संगठन के नेता बयानों के जरिये आमने-सामने हो रहे हैं। हालांकि, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने नेताओं को बयानबाजी नहीं करने की हिदायत देते हुए चुप रहने की हिदायत दे रहे हैं। साथ ही वे यह भी कह रहे हैं कि ऐसे लोगों के बारे में पार्टी को पूरी तरह संज्ञान है। कब क्या होगा, इसका समय पर पता चल जाएगा।
इस बीच, खबर यह है कि भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा जनता की आवाज है। जनता की आवाज को हम आगे नहीं रखेंगे तो कौन रखेगा? जनता वसुंधरा को पसंद करती है। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ना पार्टी के हित में होगा।
इसी तरह कोटा से भवानी सिंह राजावात ने कहा कि मैं आज भी छाती ठोककर कहता हूं कि राजस्थान में वसुंधरा ही भाजपा और भाजपा ही वसुंधरा है। राजनीति में चेहरा बहुत मायने रखता है, जनता चेहरे को भी देखती है।
इधर, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने वसुंधरा राजे समर्थकों के बयान पर कहा है कि यदि कोई यह सोचे कि मैं पार्टी से ऊपर हूं तो यह ठीक नहीं। कोई किसी व्यक्ति को पार्टी से ऊपर बताए तो भी ठीक नहीं। एक व्यक्ति सरकार बना देगा, ये गलतफहमी भी किसी को नहीं होनी चाहिए। कटारिया ने यह भी कहा कि भाजपा में पहले देश, फिर पार्टी और तीसरे नंबर पर व्यक्ति होता है। चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, कौन अगला मुख्यमंत्री होगा, यह सब पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है।