जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने अभी से रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत राजस्थान में जिलों के प्रभारी मंत्रियों को बड़ा टास्क दिया गया है। ये टास्क इन प्रभारी मंत्रियों के लिए अग्नि-परीक्षा से कम नहीं है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अब प्रभारी मंत्रियों को फील्ड में जाकर कार्यकर्ताओं के मन की बात सुनकर उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देनी होगी।
पार्टी का मानना है कि जिलों के 23 प्रभारी मंत्रियों को लोकसभा चुनाव से पहले फील्ड में इसलिए भेजा जा रहा है ताकि कार्यकर्ताओं को फिर से चुनावी मोड में लाया जा सके। प्रभारी मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में जाकर कार्यकर्ताओं का मन टटोलने और जमीनी हकीकत की नियमित रूप से रिपोर्ट सीएम को भेजेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इससे पहले प्रभारी मंत्रियों को लोकसभा सीटवार फीडबैक बैठकों में भी उपस्थित रखा गया था। इसके अलावा जिला कमेटियों में लोकसभा उम्मीदवारों के पैनल तय करने में सर्वसम्मति बनाने की जिम्मेदारी भी इन मंत्रियों को दी गई। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि आने वाला समय इन सभी प्रभारी मंत्रियों के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। बहरहाल, पार्टी की नई रणनीति के तहत सभी प्रभारी मंत्री एक्टिव मोड में आ गए हैं तथा लगातार इलाके के राजनीतिक समीकरणों की रिपोर्ट जुटा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिस प्रभारी मंत्री का जिला वोटों में पिछड़ जाएगा, हाईकमान की निगाहों में उनका नंबर कट जाएगा।
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