जयपुर Abhayindia.com राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 के मद्देनजर मीडियाकर्मियों को निर्वाचन संबंधी विषयों से अवगत कराने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से मंगलवार को HCM RIPA जयपुर में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने मीडियाकर्मियों से निर्वाचन विभाग के विभिन्न नवाचारों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि पेड और फेक न्यूज पर नियंत्रण के लिए सभी जिलों और राज्य स्तर पर मीडिया सर्टीफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन होगा।
कार्य़शाला को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि एमसीएमसी और पेड न्यूज के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने प्रोटोकोल तय कर रखा है। विज्ञापनों के लिए प्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य है। उन्होंने मीडियाकर्मियों को एमसीएमसी, पेड न्यूज, फेक न्यूज, निर्वाचक सूची तथा होम वोटिंग के साथ ही आईटी एप्स जैसे सुविधा एप, सी-विजिल एप, केवाईसी एप, वोटर हैल्प लाइन एप, सक्षम एप, आदर्श आचार संहिता, स्वीप और शिकायत निवारण पोर्टल से संबंधित विभिन्न नवाचारों के बारे में नवीनतम जानकारी होनी चाहिए।
गुप्ता ने कहा कि इस बार 50 फीसदी से ज्यादा मतदान केन्द्रों पर लाइव वेबकास्टिंग होनी है। मतदाताओं के नाम जुड़वाने, मतदाता सूची में संशोधन आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, साथ ही निर्वाचन से संबंधित जानकारियां एसएमएस के माध्यम से प्रदान की जा रही है। उन्होंने ई-ईपिक डाउनलोड करने की जानकारी भी दी तथा वोटर हेल्पलाइन एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपील की।
गुप्ता ने कहा कि चुनाव से पहले बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं। ऐसे में बार कोड, क्यू आर कोड, नाम या पिता का नाम तथा वोटर क्रमांक के जरिए हम वोटर लिस्ट में नाम पता कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि निर्वाचक सूची में नाम जुड़वाने के लिए नामांकन के अंतिम दिन से 10 दिवस पूर्व तक आवेदन किया जा सकता है।
गुप्ता ने बताया कि आदर्श आचार संहिता और व्यय अऩुवीक्षण को लेकर सी-विजिल एप पर ऑनलाइन शिकायत वीडियो, ऑडियो या फोटो के जरिए की जा सकती है। वहीं केवाईसी एप के जरिए उम्मीदवार की समस्त जानकारी जिसमें मुख्यतः आपराधिक पृष्टभूमि ऑनलाइन ली जा सकती है। सुविधा एप के जरिए उम्मीदवार रैली, सभा, वाहन आदि की अऩुमति ले सकता है।
कार्यशाला में विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मीडियाकर्मियों ने चुनाव कवरेज करने वाले पत्रकारों को आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में शामिल करने का अऩुरोध किया जिसे मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान में लिया। इस दौरान निर्वाचन विभाग की ओर से विभिन्न प्रभारी अधिकारियों ने अलग-अलग विषयों पर प्रजेंटेशन दिए, जिसे लेकर मीडियाकर्मियों ने काफी उत्सुकता दिखाई।