







जयपुर abhayindia.com मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ को नीचे लाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि माइक्रो प्लानिंग कर हमें संक्रमण को हर हाल में नीचे लाना है। गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कोरोना प्रबंधन की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि विवाह एवं अन्य समारोहों में कहीं भी लोगों की संख्या के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन न हो। उन्होंने कहा कि विवाह के आयोजन की सूचना देने के लिए लोगों को परेशान न होना पड़े और इसके लिए कहीं भी भीड़ न उमड़े। उन्होंने कहा कि शादी के आयोजन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है, सिर्फ पूर्व सूचना देना जरूरी किया गया है। इसके लिए ई-मेल या कोई अन्य ऑनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने वैक्सीनेशन की तैयारियों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वैक्सीन को सुरक्षित रखने, कोल्ड चैन सुविधाओं को सुदृढ़ करने, वैक्सीन लगाने वाले लोगों की डाटा एनालिसिस आदि बिन्दुओं पर काम प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सालयों में डे-केयर की गाइडलाइन तथा ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज के वीसी डॉ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि टीकाकरण में यूनिसेफ के अनुभव तथा विशेषज्ञता का लाभ लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क पहनना तथा भीड़ से दूरी बनाए रखना ही इस महामारी से बचाव का मूलमंत्र है। हमें लोगों को लगातार इसके लिए जागरूक करते रहना होगा। श्री गहलोत ने कोरोना के विरूद्ध जागरूकता अभियान को 30 नवम्बर से बढ़ाकर 31 दिसम्बर तक करने के निर्देश दिए।
गहलोत ने कहा कि कोविड पॉजिटिव रोगियों को अकेले में रहने तथा बीमारी के दुष्प्रभावों के कारण मानसिक परेशानियों से भी जूझना पड़ रहा है। साथ ही वर्क फ्रॉम होम, इस बीमारी के कारण लंबे समय से लोगों के घर पर ही रहने, बाहर न निकलने से बच्चों एवं बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। कोविड रोगियों एवं अन्य लोगों के लम्बे समय से घर पर ही रहने से संभव है कि कुछ मानसिक समस्याएं अनुभव की जा रही हों। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस संबंध में संवेदनशील रहकर दिशा निर्देश तैयार कर ऎसे लोगों की समुचित काउंसलिंग सुनिश्चित करे।



