








बीकानेर Abhayindia.com जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के श्रुत भास्कर वर्तमान गच्छाधिपति विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में रविवार को जैन समाज के कोचर गोत्र की कुलदेवी विशला माता के मंदिर में हुए पूजा, आरती व भक्ति कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ के सहयोग से श्री कोचर फ्रेण्डस क्लब की ओर से आयोजित अनुष्ठान में बीकानेर के साथ बाहर से आए बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने हिस्सा लिया। कोचरों के चौक के मणिभद्रजी के मंदिर में सुबह हवन किया गया।
जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्री संघ के अध्यक्ष रिखब सिरोहिया ने बताया कि जैनाचार्य विजय धर्मधुरंधरजी के नेतृत्व में रविवार को ’’चलो मां विशला के धाम’’ करमीसर तक तक पदयात्रा निकाली गई। गाजे बाजे से निकली पद यात्रा में विशला माता के जर्मन सिल्वर से बने रथ और जैनाचार्य के आगे ढोल व तासे बज रहे थे। श्रावक-श्राविकाएं देव, गुरु व धर्म तथा देवी विशलामाता का जयकारा करते हुए चल रहे थे। श्रावक-श्राविकाओं को करमीसर से बीकानेर तक छोड़ने के लिए फ्रेण्डस क्लब ने वाहन की सुविधा सुलभ करवाई।
समाजसेवी मुक्का भाईजी कोचर ने बच्चों को विभिन्न तरह के खेल खेलाएं तथा विशला माता के मंदिर के इतिहास की जानकारी दी। कार्यक्रम में नव तेरापंथ की साध्वीश्री उषा कुमारी व कुसुम रेखाजी आदि ठाणा भी शामिल हुई तथा जैनाचार्य से धर्मचर्चा की।
संघ के मंत्री विजय कोचर ने बताया कि भक्ति कार्यक्रम में वरिष्ठ गायक मगन कोचर, रौनक, रोहित व ऋषभ कोचर, अजय सिंह और कोचर फ्रेंड्स क्लब के जितेंद्र कोचर ने करीब तीन घंटे तक विभिन्न राग व तर्ज़ों में भक्ति गीत गाकर श्रावक-श्राविकाओं को बांधे रखा।
कोचर ने बताया कि 14 अप्रैल को कोचरों के चौक में सुबह सवा नौ बजे संक्रांति महोत्सव आयोजित किया जाएगा। महोत्सव में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों से श्रावक-श्राविकाओं के बीकानेर पहुंचने का सिलसिला रविवार को ही शुरू हो गया। बड़ौदा से 50 सदस्यीय श्रावक-श्राविकाओं का जत्था के साथ दिल्ली, पंजाब,हरियाणा व गुजरात आदि देश के अनेक इलाकों से श्रावक-श्राविकाओं संक्रांति महोत्सव में जैनाचार्य महाराज से मंगल पाठ सुनने के लिए पहुंच रहे है। कोचरों के चौक के मणिभद्र स्वामी के मंदिर में रविवार को अल्ल सुबह जैनाचार्य धर्मधुरंधरजी व साध्वीवृंद के सान्निय हवन किया गया।





