जयपुर abhayindia.com जलदाय विभाग द्वारा आगामी गर्मियों के सीजन के मद्देनजर प्रदेश में चल रही विभिन्न पेयजल परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन तथा सभी जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की उच्च स्तर से मानिटरिंग की जाएगी। इसके लिए विभाग के करीब दर्जन भर चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को अलगकृअलग जिलों का प्रभारी बनाया गया है। ये अधिकारी हर माह अपने प्रभार वाले जिलों का कम से कम एक बार दौरा कर मॉनिटरिंग, निरीक्षण एवं समन्वय का कार्य करेंगे तथा निर्धारित बिन्दुओं पर अपनी मासिक रिपोर्ट तैयार कर जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला और प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव को प्रस्तुत करेंगे।
जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बताया कि मुख्य अभियंता (शहरी) को कोटा, झालावाड़, बारां व बूंदी तथा जयपुर जिले से संबंधित परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए प्रभारी बनाया गया है। इसी प्रकार मुख्य अभियंता (ग्रामीण) को बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर व चूरू जिले की जिम्मेदारी दी गई है। चीफ इंजीनियर (जोधपुर प्रोजेक्ट) को जोधपुर, जालौर, बाड़मेर एवं जैसलमेर, चीफ इंजीनियर (नागौर प्रोजेक्ट) को भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर एवं करौली, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट) को अजमेर एवं नागौर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (प्रोजेक्ट) क्वालिटी कंट्रोल को सीकर, झुंझुनू, एवं दौसा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (प्रोजेक्ट बाड़मेर) को पाली एवं सिरोही, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (बीसलपुर प्रोजेक्ट) को टोंक एवं अलवर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं सचिव,आरडब्ल्यूएसएसएमबी को उदयपुर, राजसमंद एवं डूंगरपुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (डी एंड एचपी) को बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट को भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि ये सभी मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता आगामी 23 मार्च से अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा वहां चल रही परियोजनाओं के कार्यों तथा पेयजल सप्लाई की व्यवस्था की मौके पर विस्तृत समीक्षा करेंगे। सभी अधिकारियों को कहा गया है कि जिले में चल रही जल प्रदाय योजनाओं के कार्य समय पर पूरे करने के लिए समुचित क्रिटिकल मैटेरियल उपलब्ध हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
यादव ने बताया कि इसके अलावा सभी चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे हैंडपंप रिपेयरिंग अभियान की प्रगति का जायजा लेने के लिए साइट का दौरा करें। जहां कहीं भी जल परिवहन की व्यवस्था चल रही है उसकी समीक्षा करें और कुछ चुनिंदा स्थानों पर जाकर इस व्यवस्था का निरीक्षण करें। अधिकारियों को ट्यूबवेल एवं हैंडपंप को समय पर कमीशन करने की व्यवस्था के साथ ही लंबित विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था का जायजा लेने के भी निर्देश दिए गए हैं। वे जिलों में आरओ प्लांट्स तथा सोलर डीएफयू (डी-फ्लोरिडेशन यूनिट्स) वाले चुनिंदा स्थानों को व्यक्तिगत रूप से देखेंगे और इस बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि सभी प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार वाले जिलों में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा के साथकृसाथ आगामी वित्तीय वर्ष 2020कृ2021 में स्वीकृत किए जा सकने वाले कार्य एवं योजनाओं के बारे में भी आंकलन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। उनको जिलों में अंतर विभागीय इश्यूज एवं कांट्रेक्टर्स से संबंधित मुद्दों पर भी अपनी रिपोर्ट देनी होगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के साथ ही बजट घोषणाओं तथा राज्य सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। सभी अधिकारियों को अपने ट्यूर प्रोग्राम की प्रमुख शासन सचिव से अग्रिम स्वीकृति लेनी होगी।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जलदाय विभाग के सभी रीजनल कार्यालयों के एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को भी अपने अधीन आने वाले जिलों में से प्रति सप्ताह कम से कम एक जिले का दौरा करने और वहां पर रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए गए हैं। उनको संबंधित जिलों के कम से कम ऐसे दो गांव जहां पेयजल की समस्या हो, का दौरा कर वहां पेयजल सप्लाई से संबंधित व्यवस्था का फीडबैक लेना होगा।