जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में भजनलाल सरकार की ओर से शनिवार को 9 जिले व 3 संभाग को रद्द करने के बाद सियासत गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमत्री अशोक गहलोत ने रविवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार पर सीधा हमला बोला। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी गहलोत पर पलटवार किया है।
प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के बयान पर कहा, उन्होंने (अशोक गहलोत) केवल अपनी सरकार को बचाने के लिए ऐसा किया क्योंकि गहलोत सरकार पहले से ही अल्पमत में थी। सरकार गिरने की आशंका को देखते हुए उन्होंने निर्दलीय विधायकों को खुश करने के लिए जिले बनाए और घोषणा की।
उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकरण होना चाहिए। ये मैं भी मानता हूं लेकिन कम से कम अनुपात का ध्यान रखना चाहिए। हमारी सरकार ने एक समिति का गठन किया जिसने एक रिपोर्ट दी और फिर ये फैसला लिया गया। गहलोत सरकार में जो गलती हुई उसमें हमने सुधार किया है।
इससे पहले पूर्व सीएम गहलोत ने राजस्थान कैबिनेट बैठक में नवगठित जिलों में से 9 जिले और 3 संभाग खत्म करने के निर्णय पर पर कहा, प्रदेश सरकार ने ये निर्णय लेने में 1 साल का समय लगा दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस काम को लेकर उनके मन में कितना कंफ्यूज़न रहा है।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। अगर तीन संभाग बनाए गए थे तो कुछ सोच-समझकर बनाए गए। इससे परिवेदनाओं का निपटारा जल्दी होता क्योंकि छोटे जिले होने पर प्रशासनिक अधिकारियों को काम का निपटारा जल्द करना पड़ता है। तमाम तरह से छोटे जिले ही जनता के लिए लाभदायक है।