नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की शह ने महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना का सत्ता का मुहाने पर लाने के बाद जो मात दी है उसकी पूरी पटकथा पिछले दिनों मोदी-पवार की 40 मिनट चली मुलाकात में ही तैयार हो गई थी।
उक्त बैठक के बाद ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी। इस दरम्यान महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर पिक्चर लगभग तैयार कर ली थी, लेकिन इस पर पूरी गोपनीयता बनाए रखी गई। हालांकि इसके बाद इस मसले पर चिंतन जरूर शुरू हो गया था कि राकांपा की ओर से अजित पवार भाजपा की ओर कदम बढ़ाएंगे या शरद पवार। इस रणनीति के तहत भाजपा यह चाहती थी कि शिवसेना-कांग्रेस दोनों को बेनकाब किया जाए। आपको बता दें कि शनिवार को महाराष्ट्र की सियासत में सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद और एनसीपी के अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्रभ् पद की शपथ ले ली है।
इधर, बदले हुए घटनाक्रम के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमने अटेंडेंस के लिए विधायकों से हस्ताक्षर लिए थे, शपथ के लिए इसका दुरुपयोग किया गया। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि संजय राउत ने शिवसेना को बर्बाद कर दिया है। अब उन्हें चुप रहना चाहिए।
इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के ताजा घटनाक्रम पर कहा कि शरद पवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। अजीत पवार ने महाराष्ट्र के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजीत पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है, एनसीपी का नहीं।
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