जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों की आहट अब सुनाई देने लगी है। साथ ही सियासी घटनाक्रम भी तेज हो गए है। ताजा मामला पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर से अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने का छाया है। पायलट के बागी तेवरों ने राजस्थान की सियासत में गर्मी ला दी है। इस बीच, क्षेत्रीय पार्टियां भी उन्हें साधने की कोशिशों में जुट गई है।
आरएलपी सुप्रीमो एवं सांसद हनुमान बेनीवाल के बाद अब बहुजन समाज पार्टी भी पायलट को ऑफर देने से गुरेज नहीं कर रहे। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सचिन पायलट का कांग्रेस में अपमान हो रहा है, उन्हें बसपा में सम्मान मिलेगा। उनके लिए पार्टी के दरवाज़े खुले हैं। बाबा ने कहा कि बसपा अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रही है। सचिन पायलट खुद ओबीसी से हैं, ऐसे में उनका मूल घर तो बसपा ही है। ऐसे में अपेक्षा है कि पायलट बसपा के साथ आकर पिछड़े वर्ग के लिए संघर्ष करें।
इधर, पायलट को लेकर भाजपा का रुख अभी साफ नहीं हो सका है। हालांकि भाजपा के नेता सार्वजनिक बयानों में पायलट को कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने का खुला न्यौता दे चुके हैं। लेकिन, तब पायलट ने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ की बात दोहरा दी थी। बहरहाल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर पायलट ने सियासी गर्माहट बढ़ा दी है।