बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। पेंशन के मुद्दे को लेकर समायोजित शिक्षाकर्मियों ने अब राज्य सरकार पर दबाव बनाने का क्रम तेज कर दिया है। पिछले तीन दिनों में राजस्थान अनुदानित समायोजित शिक्षाकर्मी संघ (वेलफेयर सोसायटी) से जुड़े पदाधिकारियों के शिष्टमंडल ने दो मंत्रियों व एक विधायक से मिलकर उनके समक्ष अपनी मांग रखी।
संघ के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना के नेतृत्व में दो दिन पहले शिक्षाकर्मियों ने कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा, श्रीडूंगरगढ़ विधायक किसनाराम नाई, पूर्व देहात भाजपा अध्यक्ष रामगोपाल सुथार को भी अपनी मांगों से अवगत कराया। शिष्टमंडल ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में इन शिक्षाकर्मियों को राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 के तहत पेंशन परिलाभ देने का आदेश दिया है। न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ की ओर से दिए गए उक्त आदेश के तहत समायोजित शिक्षाकर्मियों को दो माह के अंदर प्रोविडेंट फंड की राशि ब्याज सहित जमा करानी है। इसके दीगर राज्य सरकार की ओर से अभी तक उक्त आदेश की पालना के संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो शिक्षाकर्मियों के प्रति सकारात्मक रुख रखते हुए न्यायालय के आदेशों की पालना कराएं ताकि उन्हें वाजिब हक मिल सके। शिष्टमंडल ने जनप्रतिनिधियों को पेंशन के अलावा अन्य संघ से जुड़ी अन्य मांगों से भी अवगत कराया। इस पर जनप्रतिनिधियों से शीघ्र ही मांगों पर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।
इस बीच रविवार को संघ के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना की अध्यक्षता में शिक्षाकर्मियों की बैठक रखी गई। इसमें पेंशन के मुद्दे पर आगामी कार्ययोजना पर विचार विमर्श किया गया। जिलाध्यक्ष बाना ने बताया कि शिक्षाकर्मियों की न्यायोचित मांगों को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। सरकार ने यदि इस संबंध में सकारात्मक रुख नहीं दिखाया तो शिक्षाकर्मी जल्द ही आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे।