जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश में पंचायतों की ‘पंचायती’ अब बढ़ जाएगी। राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 में नए नियमों के तहत उनके अधिकारों में बढ़ोतरी कर दी गई है। अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि का आवासीय उपयोग से व्यावसायिक, औद्योगिक, सिनेमा, होटल, संस्थागत, अस्पताल, सोलर, या विंडपावर उपयोग एवं सार्वजनिक उपयोग के लिए लैंड यूज चेंज हो सकेगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 में नए नियमों के तहत पंचायतों को अब इसके लिए अधिकार दिए गए है कि वह भू-उपयोग परिर्वतन के लिए पट्टे जारी कर सके।
राठौड़ ने बताया कि लेकिन ऐसी भूमि जो राज्य सरकार एवं पंचायत द्वारा रिहायशी कार्य के लिए रियायती दर पर या निशुल्क दी गई हो, उसका भू-उपयोग परिवर्तन नहीं हो सकेगा। उन्होंने बताया कि नये नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति जिसे पास पंचायत द्वारा जारी किया गया आबादी भूमि का पट्टा है, वह अपने उस भू-खंड का उपविभाजन या पुनर्गठन भी करवा सकेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा।
ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री ने कहा कि अब आबादी भूमि का पट्टाधारी पंचायत से लैंड यूज चेंच करवाकर उस भूमि पर होटल, गेस्ट हाउस, हॉस्टल, ढावा, सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, पेट्रोप पंप, किसी भी प्रकार का गोदाम, वर्कशॉप आदि चला सकेगा। इसके अलावा गांवों की आबादी भूमि में बड़े स्तर पर अस्पताल, डॉयग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम, आदि को संचालित किये जाने का भी मार्ग प्रशस्त हो गया है। वहीं पंचायतों की आबादी भूमि में अब लैंडयूज चेंज करवाने के बाद शैक्षणिक संस्थाएं, धर्मार्थ संस्थान, और अन्य लोकहितकारी संस्थाएं अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपनी गतिविधियां संचालित कर सकेंगी।