Monday, November 25, 2024
Homeबीकानेरअब नहीं लगाना पड़ेगा चश्मा, बीकानेर में मिलेगी विशेष लैंस के प्रत्यारोपण...

अब नहीं लगाना पड़ेगा चश्मा, बीकानेर में मिलेगी विशेष लैंस के प्रत्यारोपण की सुविधा

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। कोठारी हॉस्पीटल के नेत्र रोग विभाग की सेवाओं में विस्तार करते हुए पश्चिमी राजस्थान का प्रथम विश्व का सबसे आधुनिक एक्रोसॉफ आईक्यू पेनऑप्टीक्स हाईड्रोफोबिक ट्राईफोकल लैंस प्रत्यारोपण की सेवा आरम्भ हो गई है। यह विश्व का सबसे आधुनिक तकनीक से निर्मित लेन्स है जो प्राकृतिक विजन देने वाला लेन्स है। अस्पताल के नैत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ भार्गव ने बताया कि मोतियाबिन्द रोग से पीडि़त मरीज था, मरीज के उपरोक्त रोग के उपचार के लिए सबसे आधुनिक एक्रोसॉफ आईक्यू पेनऑप्टीक्स हाईड्रोफोबिक ट्राईफोकल लैंस प्रत्यारोपित किया गया।
यह लैंस निरन्तर कम्प्यूटर एवं मोबाईल पर कार्य करने वाले तथा बारीक कार्य करने वाले लोगों पर कार्य करने वालों के लिए बहुत ही उपयोगी एवं उपयुक्त है कार्य करते समय चश्मे की आवश्यकता नहीं होती।  इस लैंस से आंखों की दूर दृष्टि, नजदीक दृष्टि व मध्यम दृष्टि रोग का उपचार के प्रत्यारोपण से संभव है। इस लैंस का वीजन प्राकृतिक है तथा आरामदायक एवं सामान्य दृष्टि के मापदण्डों के सामान्तर है। इस लैंस के प्रत्यारोपण में आंखों की पुतलियों पर निर्भरता कम होती है। इस लेंस में इनलाईटइन ऑप्टिकल  तकनीक का उपयोग किया जाता।  यह लैंस ब्लयू लाईट फिल्टर से युक्त है, जो आंखों के रेटीना को सुरक्षित रखते है। इसके द्वारा लेपटोप, मोबाईल व कम्प्यूटर पर कार्य आसानी से किये जा सकते है। सेन्चूरियन मशीन द्वारा इसका प्रत्यारोपण अत्यन्त छोटे छिद्र से किया जा सकता। यह मोतियाबिन्द के रोगियों के लिए वरदान है।
कोठारी अस्पताल के चिकित्सा अधिक्षक डॉ. ओ. पी. श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल के नेत्र रोग में सेवाओं के विस्तार करते हुए इस प्रकार के लैंस प्रत्यारोपण की सुविधा आरम्भ होने से मरीजों लाभ होगा। अस्पताल के नैत्र रोग विभाग में बीकानेर में प्रथम बार माइक्रोफैको से मोतियाबिन्द का ऑपरेश्न, आंखों के काले पानी की जांच एवं उपचार के लिए हम्प्री फिल्ड ऐनेलाईजर की सुविधा उपलब्ध करवाई।नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ भार्गव द्वारा अब तक लगभग 25000 से अधिक आंखों के मोतियाबिन्द का फैको पद्धति से सफल ऑपरेशन किये हैं। अस्पताल में आंखों के विभिन्न रोगों की जांच के लिए पश्चिमी राजस्थान का प्रथम अमेरिका से आयातित सेन्चूरियन आई वीजन सिस्टम स्थापित किया गया है।
Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular