बीकानेर abhayindia.com भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों की ऑनलाइन समीक्षा कार्यशाला शुरू हुई। इस दौरान स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्रों ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यशाला19 जुलाई तक चलेगी। इस दौरान केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश के कृषि विज्ञान केन्द्रों की ओर से कृषि की नवीन तकनीकें किसानों तक पहुंचाई जा रही है। इससे उत्पादन में वृद्धि और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों पर समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल विकसित करने, पराली को खेतों में जलाने की बजाय इसे खाद में तब्दील करने, केवीके स्तर पर कृषि उत्पादक समूह (एफपीओ) का गठन करने एवं केवीके की ओर से कृषक कल्याण योजनाओं को प्रदर्शित करने का आह्वान किया।
कुलपति ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने कृषि विज्ञान केन्द्रों की ओर से टिड्डी नियंत्रण की दिशा में काम करने, किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास बढ़ाने, मल्टीलेयर कृषि एवं पशुपालन को प्रोत्साहित करने की बात कही।
इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ. ए. के. सिंह, कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति प्रो. जे. एस. संधू मौजूद थे। कार्यशाला का आयोजन अटारी, जोधपुर के निदेशक डॉ. एस. के. सिंह की ओर से किया गया।