Friday, January 31, 2025
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राजस्थान गो सेवा परिषद की राष्ट्रीय स्तर की बैठक हुई आयोजित, गोबर से खाद और गोमूत्र से…

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बीकानर abhayindia.com राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विवि राजस्थान गो सेवा परिषद के साथ मिलकर राज्य के 15 जिलों में गोबर से खाद और गोमूत्र से कीटनियंत्रक बनाने की दिशा में काम शुरू करेगा। यह बात कुलपति डॉ. विष्णु शर्मा ने रविवार को परिषद के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों की बैठक में कही। इस बैठक में राष्ट्रीय कामधेनू आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ बल्लभ कथिरिया, गोविज्ञान केंद्र नागपुर के प्रभारी सुनील मानसिंहका, परिषद की नेशनल कमेटी के राजेश डोगरा, राष्ट्रीय समन्वयक सीता राम सोलंकी, डॉ ए के गहलोत समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। डॉ शर्मा ने कहा कि  विवि ने जैविक पशुपालन पर काम शुरू किया है। गोबर, गोमूत्र को स्थायी विकास, जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा तथा पर्यावरण से जोड़कर जाग्रति अभियान चलाया जाएगा।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संवित स्वामी विमर्शानन्द जी ने कहा  की गोबर से गोवर्धन पूजा इसके महत्व को इंगित करता है। उन्होंने कहा कि गाय अपने आप में चैतन्य जैव मण्डल है। इसे समझने की जरूरत है।

 

राजस्थान गो सेवा परिषद की गोपालकों को गोबर- गोमूत्र का पैसा दिलाने, गोबर से खाद और गोमूत्र से की नियंत्रक बनाकर रसायनिक खेती का  विकल्प बनाने की कार्य योजना पर परिषद के राष्ट्रीय संयोजक सुनिल मानसिंहका ने कार्य योजना रखी। वहीं इस दिशा में हुए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। डॉ बल्लभ भाई कथिरिया ने मुख्य वक्ता के रूप में गोबर गोमूत्र को लेकर संभावनाओं औऱ कार्य योजनाओं पर प्रकाश डाला।

 

 

परिषद की नेशनल वर्किंग कमेटी और एक्जीक्यूटिव कमेटी के संयोजक, सदस्य, सभी प्रदेशों के प्रदेश संयोजक, सदस्य ने भी विचार रखें। एक्जक्यूटिव कमेटी के सचिव डॉ त्रिभुवन शर्मा ने परिषद के उद्देश्यों ओर क्रियान्वयन पर सुझाव रखे। सेमिनार में वेटरनरी विवि  पूर्व कुलपति डॉ ए के गहलोत भी उपादेयता पर विशद जानकारी दी। धन्यवाद अजय पुरोहित ने दिया। संचालन गजेंद्र सिंह सांखला ने किया।
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