बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। एम. एम. स्कूल के खेल मैदान में बिना स्वीकृति के जिम्नास्टिक सेंटर व तरणताल संचालन के मामले में एसडीएमसी सदस्य शीघ्र ही कड़ा कदम उठा सकते हैं। सदस्यों के पास कई अभिभावकों ने अभ्यास के लिए जिम्नास्टिक व तैराकी के लिए दिए गए शुल्क को लौटाने की मांग की है। इसको लेकर सदस्यों ने विद्यालय प्रबंधन को भी अवगत कराया है। इसके बाद विद्यालय प्रबंधन ने भी अभिभावकों से शुल्क संबंधी लिखित जानकारी मांगी है, ताकि जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा कर आगामी कार्रवाई की जा सके।
गौरतलब है कि एम. एम. स्कूल की विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति ने एम. एम. ग्राउंड में बिना स्वीकृति के संचालित जिम्नास्टिक सेंटर व तरणताल परिसर को सील करने का निर्णय किया था, जिसकी क्रियान्विति 11 सितम्बर को कर दी। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक दयाशंकर अरड़ावतिया ने उपनिदेशक की मौजूदगी में एसडीएमसी सदस्यों से मीटिंग कर तरणताल की चाबी सौंपने तथा जिम्नास्टिक सेंटर संचालन मामले में कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
एसडीएमसी सदस्य व पार्षद नरेश जोशी का कहना है कि यदि किसी खिलाड़ी ने तरणताल व जिम्नास्टिक सेंटर पर शुल्क जमा कराया है और सील करने के कारण अभ्यास बाधित हुआ है, तो वह एसडीएमसी को इसकी लिखित सूचना दे सकता है। जोशी का कहना है कि एम. एम. ग्राउंड बच्चों के खेलने के लिए ही है। एसडीएमसी की मंशा है कि विद्यार्थियों को मैदान में संचालित सभी खेल गतिविधियों निशुल्क व सही प्रशिक्षण मिले और विद्यालय मैदान से कोई बाहरी व्यक्ति अनावश्यक लाभ न उठा सके।
शुल्क पर करेंगे बात
प्रधानाचार्य दुर्गाशंकर पुरोहित ने बताया कि एम. एम. ग्राउंड में जिम्नास्टिक सेंटर व तरणताल बंद होने के कारण कई लोगों ने शुल्क लौटाने की बात कही है। उनसे लिखित प्रार्थना पत्र मांगा गया है, जिस पर बाद में जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा कर आगे निर्णय किया जाएगा। एसडीएमसी सदस्यों ने भी इस संबंध में मौखिक रूप से अवगत कराया है।
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एम.एम. ग्राउंड प्रकरण : सेंटर हो गए सील, कौन देगा इनका पैसा वापस?
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