Friday, May 3, 2024
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विधानसभा सत्र: नहर पम्पिंग स्टेशनों के मुद्दे पर विधायक गोदारा ने सरकार को घेरा…

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बीकानेरabhayindia.com लूणकरनसर विधायक सुमित गोदारा ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कंवरसेन लिफ्ट नहर परियोजना के पम्पिंग स्टेशनों का मुद्दे को उठाते हुए सरकार को घेरा।

गोदारा ने सवाल किया कि कंवर सेन लिफ्ट नहर परियोजना में कितने स्थानों पर पंपिंग स्टेशन है , उन पंपिंग स्टेशनों पर कितनी मोटर व पंप कब से लगे हुए हैं, क्या सरकार मानती है कि लंबे समय से मोटर व पंप में निरंतर तकनीकी खराबी आती रहती है, जिसके कारण क्षेत्र के किसानों को समय पर पानी नहीं मिलता।

क्या सरकार निजी कंपनी से पंपिंग स्टेशन का संचालन करवाने का विचार रखती है। इस पर राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने विधायक गोदारा के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कंवर सेन लिफ्ट नहर परियोजना में 4 स्थानों पर पंपिंग स्टेशन है। इसमें राजियासर, मलकीसर,खारा,हुसनसर शामिल है। राजियासर पंपिंग स्टेशन पर कुल 10 पंपिंग यूनिट है। मल्कीसर पंपिंग स्टेशन पर आठ पंपिंग यूनिट है। खारा पंपिंग स्टेशन पर कुल 6 पंपिंग यूनिट एवं हुसनसर पंपिंग स्टेशन पर चार पंपिंग यूनिट है।

सरकार ने माना कि इन पंपिंग स्टेशनों पर पुराने मोटर पंप होने के कारण इस में खराबी आती रहती है। उपलब्ध संसाधनों की आवश्यकता अनुसार तकनीकी खराबी को दुरुस्त किया जाता है। सरकार ने यह भी माना कि यांत्रिकी उपकरणों की खराबी व विद्युत आपूर्ति में होने वाले व्यवधान से पानी की पंपिंग बाधित होती है जिससे किसानों को कम पानी मिलता है।

जबाव में मंत्री ने विधायक गोदारा को आश्वस्त किया कि कंवर सेन लिफ्ट नहर में मशीनरी और साज समान ,औजार व संयंत्रों के लिए बजट मद में 6 करोड़ 56 लाख का बजट मंजूर किया गया है जिससे पंप व मोटरों की मरम्मत कार्य किया जा सकेगा।

लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने सदन में कहां की मोटर पंप पुराने है, तकनीकी खराबी के कारण पानी की सप्लाई बाधित होती है सरकार यह मानती है कि मोटर व पंप 1975 -1976 के लगे हुए हैं। उस समय की तकनीक में और आज की तकनीक में दिन रात का फर्क है।

गोदारा ने कहा कि आपका विभाग खुद यह मानता है कि 15 प्रतिशत पानी की छीजत में जा रहा है, किसानों को नहीं मिल पाता। क्या सरकार पुराने मोटर पंपों को बदलने का विचार रखती है? गोदारा ने सवाल किया कि ईएससीओ (एनर्जी सेविंग कंपनी) मॉडल से यह प्रस्ताव दो वर्ष से मुख्यमंत्री कार्यालय में पड़ा है, प्राइवेट कंपनी खुद कह रही है कि बिजली का बिल साल का 40 करोड़ रुपए आता है,नए 35-36 करोड़ में सारे मोटर, नए पंप एवं 24 घंटे लाइट लगाकर किसानों को लाभ मिल सकता है। तो सरकार इस पर क्यों विचार नहीं करती।

गोदारा ने कहा कि क्या आप ईएससीओ मॉडल को लागू करेंगे या पहले भी सरकार ने इसके लिए टेंडर कॉल किए थे वह बाद में कैंसिल कर दिए गए। एक तरफ सरकार किसान हितैषी बात करती है, दूसरी तरफ किसानों को ही पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है इसके लिए सरकार क्या विचार कर रही है।

जवाब देते हुए मंत्री ने कहां कि ईएससीओ मॉडल के आधार पर पम्पिंग स्टेशनों के रख रखाव व संचालन के लिए निविदा प्रपत्र तैयार किया गया जिसमें विधुत खर्च में बचत कर संवेदक उक्त पम्पिंग स्टेशनो के रख रखाव व संचालन करेगा। निविदा प्रपत्र को अन्य राज्यों से इस प्रकार की प्रणाली से तुलना कर अन्तिम रूप दिया जाएगा।

विधायक सुमित गोदारा के सवालों का सरकार की और से जबाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पम्पिंग स्टेशनो के लिए 6 करोड़ 56 लाख का प्रावधान इसी वर्ष कर दिया हैं जिससे यदि कोई मोटर खराब होती है तो उसको तुरंत बदल दिया जाएगा।

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