







कोलकाता/उदयपुर.बीकानेरAbhayindia.com मायड़ थारो वो पूत कठे, वो महाराणा प्रताप कठे…सरीखी कालजयी रचना के लेखक माधव दरक का 85 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया।
राजस्थान में ख्याति प्राप्त राजस्थानी भाषा में रचित वीररस के गीत ‘वो महाराणा प्रताप कठै से माधव दरक ने देशभर में ख्याति अर्जित की। साथ ही उनके लिखे इस गीत को कई ख्यातिनाम गायकों ने अपने स्वर दिए। वे पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। राजस्थान के कुंभलगढ़ क्षेत्र के केलवाड़ा में 13 अगस्त 1935 को जन्मे कवि माधव दरक ने ‘ऐड़ो म्हारो राजस्थान… जैसी अमर रचनाओं से प्रसिद्धि पाई थी। लगभग 70 वर्षों से वे देश के प्रसिद्ध काव्यमंचों पर राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति देते आ रहे थे।
मिला है सम्मान…
कवि माधव दरक को महाराणा फाउंडेशन उदयपुर सहित देश की लगभग 60 से ज़्यादा संस्थाओं ने सम्मानित भी किया। शिव दर्शन,श्रीनाथ दर्शन, हल्दीघाटी, , हाडी रानी, तुलसी दर्शन सहित उनकी पुस्तकें भी प्रचलित है।
अपूरणीय क्षति…
राष्ट्रीय कवि संगम भीलवाड़ा के अध्यक्ष नरेंद्र दाधीच, कवि कैलाश मंडेला, दीपक पारीक, दिनेश दीवाना, प्रहलाद पारीक, महेंद्र शर्मा, रेखा स्मित, संजीव सजल , कोलकाता से प्रकाश चंडालिया व राजस्थान विकास परिषद के महामंत्री सच्चिदानंद पारीक ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए अपनी संवेदना ज़ाहिर की है। साहित्य प्रेमियों ने दरक के निधन को अपूरणीय क्षति बताया है।



