Wednesday, April 23, 2025
Hometrendingबीकानेर : कहीं साफ-सफाई का अभाव, तो कहीं दिखी अव्यवस्थाएं, पब्लिक ऑडिट...

बीकानेर : कहीं साफ-सफाई का अभाव, तो कहीं दिखी अव्यवस्थाएं, पब्लिक ऑडिट ने सौंपी रिपोर्ट…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर Abhayindia.com जन संघर्ष समिति की ओर से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के हालात और कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों की वास्तविक स्थिति पर की गई सात दिवसीय पब्लिक ऑडिट की थी।

इसकी रिपोर्ट सोमवार को जिला कलेक्टर को सौंपी गई। इसके माध्यम से बताया गया है कि सरकारी अस्पतालों में जहां साफ-सफाई का अभाव है।

तो निजी अस्पतालों में भी शिकायतें सामने आई है। इसमें निर्धारित दरों से अधिक की वसूली करना भी सामने आया है। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई के नेतृत्व में समिति संयोजक सुरेंद्रसिंह शेखावत, एडवोकेट अशोक भाटी, विक्रमसिंह भाटी और सुभाष बाल्मिकी ने कलक्टर से मुलाकात कर उन्हें रिपोर्ट से अवगत कराया।

मानी सरकारी चूक…

समिति के प्रतिनिधि मंडल ने महामारी मेें चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर सरकारी चूक मानी। खासकर कोरोना की दूसरी लहर की आशंका के बावजूद ऑक्सीजन की संभावित जरूरत का आंकलन नहीं करके नए प्लांट लगाने में देरी करने, सम्भावित मरीजों के अनुपात में वेंटिलेटर की बढ़ोतरी नहीं करने, केेन्द्र सरकार की ओर से भेजे गए वेंटिलेटर का राजनीतिक द्वेषतावश उपयोग नहीं करने, राज्य भर में जरूरी डॉक्टर, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ के खाली पदों को नहीं भरने,जीवन रक्षक दवाइयों की जरूरी खरीद नहीं करने सरीखे मामलों को सरकारी स्तर पर चूक माना है।

पीबीएम अस्पताल के हालात…

कोविड सेंटर में सफाई व्यवस्था नाकाफी थी, वेंटिलेटर चलाने वाले अप्रशिक्षित, सुरक्षा व्यवस्था में कमी,पीपीई किट को लेकर अनुभवहीनता,रेमडेसिवर टीकों और वेंटिलेटर आवंटन में राजनीतिक दखलन्दाजी, पीबीएम में ऑक्सीजन और टीकों की कालाबाजारी करने वाले कर्मिकों के संगठित गिरोह आदि के मसले को रिपोर्ट के माध्यम से खासतौर पर उल्लेख किया गया है।
ऑक्सीजन मित्र के प्रयोग, अस्पताल में लगाए गए प्रशासनिक अधिकारियों और सीनियर चिकित्सकों की कार्यशैली की प्रशंसा रिपोर्ट में की गई है।

निजी अस्पतालों पर सवाल…

निजी अस्पतालों में अनियमितताएं सामने आई। रिपोर्ट में बताया गया है कि उपलब्ध चिकित्सकों एवं सहायक स्टाफ की संख्या से अधिक मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। सरकार की ओर से निर्धारित दर के बावजूद अधिक वसूली हो रही है, ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अधिक मरीज भर्ती करने, चिरंजीवी योजना का लाभ नहीं देने जैसे मामले निजी अस्पतालों में सामने आए हैं। एक निजी अस्पताल में हुई मौतों के मामले में प्रशासनिक लापरवाही की शिकायत भी की गई है।

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी पीएचसी और सब सेंटर के नेटवर्क को उपयोग में नहीं लेने, ग्रामीण क्षेत्र में जांच एवं पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता नहीं होने, ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं करने सहित चूक सामने आई है। इसके साथ ही रिपोर्ट में सम्भावित तीसरी लहर से बचाव के लिए सीएचसी पीएचसी के नेटवर्क को उपयोग में लेने, पीएचसी पर न्यूनतम पांच ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराने, सीएचसी पर आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध करवाने, जरूरी स्टाफ की भर्ती करने एवं ब्लेक फंगस के लिए आवश्यक दवाओं का स्टॉक करने का सुझाव रिपोर्ट में दिया गया है ।

उच्च अधिकारियों को भेजी जाए…

समिति ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि राज्य सरकार से सम्बंधित मसलों को उच्चाधिकारियों को भेजे एवं स्थानीय स्तर के मसलों पर खुद प्रभावी निगरानी की जाए।

Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular