







कोलकाता.बीकानेर abhayindia.com कोरोना का साया इस बार गणगौर महोत्सव छाया रहा। इसको लेकर गणगौर मंडलियों ने इस साल भी अपने आयोजनों को सीमित रखा।
सामान्य स्थिति में हर साल चैत्र नवरात्र के दौरान तीज और चौथ को भव्य रुप से लगने वाला गणगौर मेला इस बार भी कोरोना को लेकर सीमित रुप में ही दिखाई दिया। श्री श्री मनसापूरण गवरजा माता सेवा ट्रस्ट व श्री श्री गवरजा माता कलाकार स्ट्रीट ने इस बार छोटे रुप में ही शुभारंभ कार्यक्रम रखा।

इसमें पूजा-अर्चना के बाद गवरजा गीतों की प्रस्तुतियां भी दी गई। श्री श्री मनसापूरण गवरजा माता सेवा ट्रस्ट की ओर से केदार उपाध्याय ने बताया कि इस बार चुनिंदा रूप से पारवारिक सदस्यों एवं समाज के वरिष्ठ लोगों को ही आमंत्रित किया गया। सम्मलित गवरजा के प्रशासनिक कमेटी के सदस्य गज्जू चांडक ने बताया कि कोरोना से बचाव के उद्देश्य से स्वयं संज्ञान लेते हुए नौ गणगौर मंडलियों ने इस बार भी अपने आयोजनों को पिछले साल की तरह ही काफी सीमित रखा है। तीज और चौथ को लगने वाले मेले को भी भव्य रुप से आयोजित न करके इस बार काफी सीमित रखा गया है।

बड़ाबाजार के नौ गणगौर मंडलियों में से पांच गवर मंडलियों, जिसमें नींबूतल्ला पंचायत, बलदेवजी गवरजा माता मंडली, गोवर्धननाथ गवरजा माता मंडली , कलाकार स्ट्रीट गवरजा माता मंडली व गांगुली लेन गवरजा माता मंडली ने सीमित संख्या में मंडली के सदस्यों को लेकर ही शोभायात्रा निकाली और गंगा नदी के किनारे पहुंच कर मां को जल पिलाने की रस्म अदा की। इधर दूसरी तरफ अन्य चार गवर मंडलियों मनसा पूर्ण गवरजा माता सेवा ट्रस्ट, हंसपुकुर गवरजा माता मंडली, बांसतल्ला गवरजा माता मंडली व पारख कोठी गवरजा माता मंडली ने अपने स्थान पर ही माता को विराजमान रखते हुए जल पिलाने से लेकर सभी तरह की अन्य रस्में पूरी की।
गज्जू चांडक ने बताया कि आज मां गवरजा के खोला भरने की विशेष रस्म भी पूरी की गई. लोगों ने गंगा नदी के किनारों पर मां को रुढ़ो गीत सुनाकर जल पिलाने की रस्म पूरी की। चांडक ने कहा कि नवरात्र की पंचमी यानि शनिवार को परम्परा अनुसार सभी नौ गणगौर मंडलियां नींबूतल्ला होते हुए गवरजा विसर्जन के लिए जाएगी। यहां सभी नौ गणगौर मंडलियों की ओर से एक-एक गवरजा गीत की प्रस्तुतियां भी परम्परागत रुप से दी जाएगी। कलाकार स्ट्रीट गवरजा माता मंडली की ओर से पवन ओझा (बालिका ग्रुप) ने कहा पिछले साल की तरह इस साल भी गवरजा उत्सव बड़े रुप में नहीं मनाया जा सका। लेकिन हम सभी मां से यही प्रार्थना करते है कि इस कोरोना से वे सभी देश वासियों को जल्दी ही मुक्ति दिलाए। समाजसेवी जेठमल रंगा ने बताया कि इस बार भी मेला कोरोना के कारण भव्य रुप से आयोजित नहीं हो पाया मगर लोगों के उत्साह में किसी तरह से कोई कमी नहीं दिखी। महिलाओं ने विभिन्न चौकियों पर विराजमान माता गणगौर के दर्शन किए और परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।





