बीकानेर Abhayindia.com रामझरोखा कैलाशधाम में सीताराम मंदिर बने… यह दिव्य वचन जगद्गुरु पद्मविभूषित स्वामी रामाभद्राचार्य महाराज ने बीकानेर से चित्रकूट प्रस्थान के समय कहे और उसी भावना को प्रबल बनाते हुए यहां आर्थिक सहयोग की पहली रसीद 3 लाख 31 हजार रुपए की काटी।
रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर राष्ट्रीय संत सरजूदास महाराज ने बताया कि मंगलवार सुबह जगद्गुरु ने सब श्रद्धालुओं को मंगलकामनाएं देते हुए प्रस्थान किया। सरजूदास महाराज ने बताया कि जगद्गुरु के निर्देशानुसार एवं पूज्य गुरु रामदास महाराज के आशीर्वाद से शीघ्र ही आश्रम में सीताराम मंदिर बनाया जाएगा।
कार्यक्रम संयोजक अशोक मोदी, सचिव श्रीभगवान अग्रवाल द्वारा कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया। राष्ट्रीय संत सरजूदास महाराज ने सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि नौ दिवसीय दिव्य आयोजन पूर्णत: सफल रहा। इस भव्य और दिव्य आयोजन में विगत 7-8 माह से सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से सहयोग कर इसे सफल बनाया। वेदपाठी ब्राह्मणों, यज्ञाचार्यों, टैंट, रसोई, स्टोर, चाय-कॉफी, अल्पाहार, भोजन, कंट्रोल रूम, संत निवास, सीसीटीवी कैमरा, सिक्योरिटी गार्ड्स, बाउंसर, प्रचार-प्रसार टीम, न्यूज मीडिया, सोशल मीडिया एवं जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित सभी लोगों ने अपना कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ किया। इसी निष्ठा का परिणाम यह रहा कि कल्पना से भी अतिसुंदर इस आयोजन की महक पूरे देश में फैली। सैकड़ों संत-महात्माओं का समागम और हवन अनुष्ठान ने इस बीकानेर नगरी को छोटी काशी से बड़ी काशी बना दिया। इस नौ दिवसीय अघोषित कुम्भ ने बीकानेर को अयोध्या का रूप दिया। राष्ट्रीय संत सरजूदास महाराज ने जगद्गुरु पद्मविभूषित रामभद्राचार्य महाराज व आयोजन में आए सभी संतों एवं लाखों श्रद्धालुओं का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया।