जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने कैंसर रोग से ग्रसित प्रधानाचार्य के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए उसे राहत प्रदान की है। मामले के अनुसार, बालोतरा जिला बाड़मेर निवासी विजय सिंह वर्तमान मे राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय आसोतरा जिला बाड़मेर मे प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है। साथ ही गले मे कैंसर की भयानक बीमारी से ग्रसित है। प्रार्थी का 7 अगस्त 2022 को स्थानान्तरण राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय जसौल से राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय बलाउ जाट जिला बाड़मेर मे किया गया था। विभाग के इस आदेश से व्यथित होकर प्रार्थी ने एक रिट याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की मगर वो रिट याचिका एकलपीठ के न्यायाधीश द्वारा खारिज कर दी गई। एकलपीठ के न्यायाधीश द्वारा प्रार्थी की रिट याचिका को खारिज करने पर प्रार्थी ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती प्रदान की।
खंडपीठ द्वारा प्रार्थी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को देखते हुए विभाग को आदेशित किया कि प्रार्थी को नजदीक स्थान पर पदस्थापित किया जाए। खण्डपीठ के निर्देशों के कारण प्रार्थी का पदस्थापन राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय आसोतरा में 20 सितम्बर 2022 को कर दिया गया। प्रार्थी ने जहां 26 सितम्बर2022 को कार्यग्रहण कर लिया। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 29 दिसम्बर 2022 के आदेश से पुनः उसे वर्तमान विधालय से राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय सलारिया सेवडा कर दिया गया। विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थी के अधिवक्ता का यह तर्क था कि प्रथमतया प्रार्थी कैसर जैसे असाध्य रोग से ग्रसित है। साथ ही वर्तमान स्थान पर उसका पदस्थापन उच्च न्यायालय की खण्डपीठ के निर्देशों पर पदस्थापन 20 सितम्बर 2022 को हुआ है व इसने इस स्थान पर कार्यग्रहण 26 सितम्बर 2022 को किया है। प्रार्थी को सेवानिवृति भी मई 2024 में लम्बित है। प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह मे जवाब तलब किया व प्रार्थी के स्थानांतरण आदेश 29 दिसम्बर 2022 पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी।