जयपुर Abhayindia.com प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविर 15 जुलाई से फिर शुरू हो रहे हैं। इसे लेकर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अब अभियान में कोई भी कार्मिक कोताही बरतेगा और जांच में उसकी लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं निकायों को प्राप्त-लम्बित के साथ वर्तमान आवेदनों की स्थिति को सूचीबद्ध कर नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करना होगा।
अभियान के लिए सरकार ने यह भी निर्णय किया है कि जिस कॉलोनी का नियमन शिविर लगाया जाना है, उसके शिविर से दो दिन पहले निकाय के कार्मिक उस कॉलोनी में जाएंगे और वहां लोगों को शिविर के संबंध में जानकारी देने के साथ ही आवश्यक दस्तावेजों के संबंध में भी बताएंगे। सभी जिला कलेक्टर अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएंगें। सभी नगरीय निकायों में राजस्थान प्रशासिक सेवा के अधिकारी को प्रभारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस संबंध में एलएसजी और यूडीएच की ओर से आदेश जारी किए जाएंगे।
संभागीय आयुक्त की होगी अहम भूमिका
अभियान में संभागीय आयुक्त की भूमिका भी अहम होगी। संभागीय आयुक्त अभियान की मॉनिटरिंग करेंगे। रोजाना प्रगति रिपोर्ट भी सरकार को भेजेंगे। साथ ही जहां भी कमी नजर आ रही है, उसे दूर करने के लिए निर्देश जारी करेंगे। इस संबंध में जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे।
शिविर कार्यक्रम बनाने में जुटे निकाय
15 से शुरू होने वाले शिविर का कार्यक्रम बनाने में भी निकाय जुट गए हैं। जयपुर के दोनों नगर निगम भी इस दिशा में काम कर रहे है। इस बार प्रत्येक वार्ड या 2-3 छोटे वार्डों के मिलाकर शिविर लगाए जाएंगे। अभियान की 31 मार्च, 2023 को खत्म हो रही समयावधि को ध्यान में रखकर शिविर कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। हैरिटेज नगर निगम में कार्ययोजना इस तरह तैयार की जा रही है कि दो माह में सभी वार्डों में शिविर लगाए जाएंगे। शिविर से पहले सभी निकायों को 10 जुलाई तक लंबित आवेदनों को खत्म करना होगा।