जयुपरabayindia.com निजी विद्यालयों में ऑन लाइन अध्ययन की कैसी स्थिति है? उसको लेकर क्या गाइडलाइन है, इनको लेकर जिला विधिक प्राधिकरण ने शिक्षा विभाग से तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। प्राधिकरण ने कक्षा 6 के एक विद्यार्थी पत्र पर कार्रवाई करते हुए मांगी है। प्राधिकरण सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रथम व द्वितीय से इस बारे में कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर राज्य सरकार अथवा शिक्षा विभाग की ओर से कोई गाइडलाइन जारी की गई है क्या? अगर है तो इस बारे में जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
कक्षाओं का बना रहे दवाब
पत्र के जरिए बच्चे ने प्राधिकरण से कहा था कि लॉकडाउन में उसके पिता के पास रोजगार नहीं है, वहीं उसके पास ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए इनटरनेट की सुविध नहीं है, इसके बाद भी विद्यालय उस पर ऑनलाइन शिक्षण लेने का दबाव डाल रहे हैं। फीस जमा नहीं कराने पर स्कूल से नाम काटने की धमकी भी दी जा रही है, यह पत्र मिलने के बाद प्राधिकरण सचिव ने शिक्षा विभाग से विस्तार से रिपोर्ट मांगी है।
प्राधिकरण ने यह सवाल पूछे
– जो बच्चे आर्थिक अथवा स्वास्थ कारणों से ऑनलाइन अध्ययन नहीं ले पा सकते है, उनके लिए निजी विद्यालय किसी तरह की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं।
– महामारी के इस दौर में ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर सरकार अथवा शिक्षा विभाग की क्या है गाइडलाइन ?
– आठवीं कक्षा तक के बच्चे अपने स्तर पर मोबाइल और लेपटॉप चलाने में कुशलता नहीं रखते, ऐसे विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर क्या किया गया है ?
-क्या फीस जमा नहीं कराने पर विद्यार्थी का नाम स्कूल से काटा जा सकता है ? इस संबंध में सरकार के क्या दिशा निर्देश हैं।