








जयपुर abhayindia.com प्रदेश के बांसवाड़ा में आदिवासी अंचल के बच्चों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए खोला गया सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने के कगार पर खड़ा है। इस साल नए सत्र में 90 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली रहने से यह स्थिति बनती नजर आ रही है।
आपको बता दें कि इस कॉलेज को राज्य सरकार ने साल 2017 में बंद करने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन स्थानीय जनजाति नेताओं के दबाव के चलते इस कॉलेज का संचालन सेल्फ फाइनेंस सिस्टम आधारित कर दिया गया। यानी शैक्षणिक कार्यों का खर्चा फीस के जरिए पूरा किया जाना तय किया गया।
इस कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की ब्रांच चल रही है। वर्ष 2012 -13 और 13- 14 में 240-240 सीटों का आवंटन हुआ। इसमें तब क्रमश: 85 और 78 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। वर्ष 2014 -15 में 35, वर्ष 2015- 16 में 37 और वर्ष 16- 17 में महज 31 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया।
इसी तरह वर्ष 2017- 18 में भी 31 और वर्ष 2018-19 में 42 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया। जहां तक टीएसपी एरिया के लिए रिजर्व सीटों को लेकर बात की जाए तो पिछले तीन सत्रों में महज 29 ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया, जो आरक्षित सीटों का 10 प्रतिशत भी नहीं है।





