Sunday, May 5, 2024
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औषधि रहित चिकित्सा सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है : डॉ. वत्‍सला

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बीकानेर Abhayindia.com औषधि रहित चिकित्सा सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है जो प्राकृतिक चिकित्सा कहलाती है यह बात आज ’’अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस’’ पर आयोजित राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गंगाशहर में चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता ने कही।

इस अवसर पर केन्द्र मे वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बीकानेर के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार लूणकरण छाजेड़ ने पर्यावरण शुद्धि के लिए वृक्षारोपण करते हुए प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व बताते हुए कहा कि ये पद्धति पंच तत्वों- आकाश, वायु, जल, अग्नि और पृथ्वी पर आधारित है जिसे अपनाने से शरीर के साथ-साथ पूर्ण समाज की स्वस्थता मानी जाती है।

इस अवसर पर केन्द्र के मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने केन्द्र की परिपाटी व वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया तथा 18 नवम्बर, प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की मान्यता एवं मनाए जा रहे पांचवें अंतरराष्ट्रीय अभियान को जन-जन की जागरूकता का घोतक बताया। इन्होंने बताया कि संस्था नवीन आयामों को लेकर जन-जन के उत्तम स्वास्थ्य की चिंता करते हुए निरंतर प्रयासरत है।

इस अवसर पर महिला एवं पुरूष रोगियों के साथ एडवोकेट लक्ष्मी नारायण मेहता, मीना मेहता, सीता देवी, तान्या जायसवाल आदि की उपस्थिति रही। साथ ही कर्मचारियों में महावीर उपाध्याय, कविता सुथार, मयंक बोथरा, सौरभ वर्मा, कृष्णा कच्छावा, सुनिता प्रजापत, कुनाल तंवर तथा अशोक टॉक आदि ने वन औषधि उद्यान में पौधारोपण करते हुए श्रमदान जैसे पुण्य कार्य को करने में अपना योगदान दिया।

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