Thursday, September 19, 2024
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शिक्षा नीति पर डॉ. तनवीर मालावत कॉलेज ने किया रिसोर्स पर्सन समिट का आयोजन, नवाचार पर चर्चा

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बीकानेर Abhayindia.com डॉ. तनवीर मालावत कॉलेज की ओर से रविवार को स्थानीय जेएनवी कॉलोनी स्थित जीसस एंड मेरी सी. सैकेंडरी स्कूल में रिसोर्स पर्सन सम्मिट का आयोजन किया गया। देश के प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा सहजता से पहुंच सके, शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहे एवं शिक्षा में विभिन्न नवाचारों के साथ उसे रोचक बनाने को लेकर इस सम्मिट में बौद्धिक चिंतन व विशद चर्चा की गई।

Resource Person Summit organized by Dr. Tanveer Malavat College
Resource Person Summit organized by Dr. Tanveer Malavat College

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन ने कहा कि सदैव सीखने की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। जो सदैव शिक्षार्थी होता है वही अच्छा शिक्षक बन सकता है। उन्होंने वर्तमान शिक्षा पद्धति को जीवन निर्माण के लिए अपर्याप्त बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति यदि अपनी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निर्वहन करने लगेंगे तो सब कुछ सही हो जाएगा।

Neeraj K Pawan Resource Person Summit organized by Dr. Tanveer Malavat College
Neeraj K Pawan Resource Person Summit organized by Dr. Tanveer Malavat College

डॉ. तनवीर मालावत कॉलेज के चेयरमैन डॉ. तनवीर मालावत ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि इस समिट में बीकानेर के विभिन्न वर्ग के प्रबुद्धजनों ने भागीदारी की जिसमें शिक्षा, समाज, खेल, व्यापार, चिकित्सा, प्रोफेशनल सहित विभिन्न वर्ग के लोगों को रिर्सास पर्सन के रूप में शामिल हुए उसके लिए मैं आभार प्रकट करता हूं।

Resource Person Summit organized by Dr. Tanveer Malavat College
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रिसोर्स पर्सन समिट के समन्वयक डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने बताया कि समिट के प्रथम सत्र में पैनल डिस्कश का आयोजन किया गया जिसमें में डॉ. पी.एस. वोहरा, डॉ. शेखर भार्गव, डॉ. दिग्गविजय सिंह व डीयू की डॉ. आरती अनेजा शामिल हुए। शिक्षा में परिवर्तन विषय पर अपनी अभिव्यक्ति में इकोनॉमिस्ट डॉ. पी. एस. वोहरा ने कहा कि स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के बीच एक सेतु के निर्माण करने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब तक इन दोनों स्तर की शिक्षा को परस्पर अटैच नहीं किया जाएगा, शिक्षा में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता।

दूसरे पैनलिस्ट डॉ. शेखर भार्गव में शिक्षा में खुशी का माहौल होना जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि बच्चों को अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करने का मौका देना चाहिए। उच्च शिक्षा व नई शिक्षा नीति पर डॉ. दिग्गविजय सिंह ने नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे आत्मनिर्भर बढ़ेगी। विधि विशेषज्ञ के रूप में डीयू की लॉ फैकल्टी की डा. आरती अनेजा ने कहा कि लॉ की जानकारी सभी को होनी चाहिए। साथ ही शिक्षा में व्यावाहरिकता का होना आवश्यक है।

समिट समन्वयक डॉ. श्रीमाली ने बताया कि समिट के विशेष सत्र को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए. एच. गौरी, सीएमएचओ डॉ. अबरार, यूआईटी सचिव यशपाल आहूजा, अतिरिक्त जिला कलक्टर पंकज शर्मा, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी, होम साइंस डीन डॉ. विमला डुकवाल, राजकीय डूंगर कॉलेज के प्राचार्य जे. पी. सिंह व राजकीय विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भगवानाराम बिश्नोई ने भी विशेष व्याख्यान दिया।

समिट में विजय खत्री, जुगल राठी, डॉ. सी.एन. श्रीमाली, दीपचन्द सांखला, गिरिराज खैरीवाल, विजयमोहन जोशी, डॉ. नरेश गोयल, सीए अंकुश चौपड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे। समिट के समापन सत्र में मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन द्वारा सभी रिसोर्स पर्सन्स को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।

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