








जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल (RTH) को लेकर चल रहा निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स का आंदोलन सरकार से समझौते के बाद खत्म हो गया है। हालांकि, ऐलान अभी बाकी है। आपको बता दें कि सरकार और डॉक्टर्स के बीच8 बिंदुओं पर समझौता हुआ है। मुख्य सचिव उषा शर्मा से बैठक के बाद इसका फैसला हुआ। समझौते के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा– मुझे खुशी है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी और राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। मुझे उम्मीद है कि आगे भी डॉक्टर– पेशेंट रिलेशनशिप पहले जैसी रहेगी।
इन बिंदुओं पर हुआ समझौता : -50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर कर दिया है।
–सभी निजी अस्पतालों की स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के हुई है और रियायती दर पर बिल्डिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा। ये अस्पताल आरटीएच के दायरे में आएंगे
–ये अस्पताल आरटीएच के दायरे में आएंगे– निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पीपीपी मोड पर बने अस्पताल सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद स्थापित अस्पताल (प्रति उनके अनुबंध की शर्तें) अस्पताल ट्रस्टों द्वारा चलाए जाते हैं(भूमि और बिल्डिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित)
–राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा में नियमित करने पर विचार किया जायेगा
–आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे
–अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होगा
–फायर एनओसी नवीनीकरण हर 5 साल में करवाया जाएगा
–नियमों में कोई और परिवर्तन, यदि कोई हो, आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद किया जाएगा





