








जयपुर Abhayindia.com राजस्थान की भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुए एक सप्ताह बीत गया है लेकिन विभागों का बंटवारा अभी भी अटका हुआ है। इससे सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो रहा है। हर कोई देरी की वजह खोज रहा है। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश हो रही है कि “मलाईदार” विभाग किसके हिस्से में आएंगे?
बहरहाल, विभागों के बंटवारे में देरी की सबसे अहम वजह करणपुर विधानसभा चुनाव माने जा रहे हैं। करणपुर में मतदान 5 और मतगणना 8 जनवरी को होगी। बताया जा रहा है कि यहां मतगणना के बाद ही विभागों का बंटवारा किया जा सकेगा। अभी विभागों का बंटवारा किया जाता है, तो यह आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है।
विभागों के बंटवारे में देरी के बीच, मंत्रियों ने भी मलाईदार और वजनदार विभाग पाने के लिए लॉबिंग तेज कर दी है। मंत्री जयपुर से लेकर दिल्ली तक इसके लिए दौड़-धूप में जुटे हैं। आपको बता दें कि गृह, नगरीय विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, बिजली, जलदाय, खनिज, उद्योग, परिवहन, कृषि, सहकारिता और राजस्व विभाग को अहम माना जाता है। इन्हें पाने के लिए मंत्री पूरी कोशिश में जुटे हैं। इनमें प्रमुख रूप से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन राठौड़, गजेंद्रसिंह खींवसर, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, सुमित गोदारा, जोगाराम पटेल, हेमंत मीणा, कन्हैया लाल चौधरी, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत के नाम शामिल हैं।





