जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। लोकसभा चुनाव का रण जीतने के लिए कांग्रेस नित नई रणनीति बना रही है। इसी क्रम में पार्टी ने प्रदेश में प्रचार अभियान को आक्रामक बनाने के लिए मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों को भूलकर अपने गृह जिलों में ही जिम्मेदारी संभालने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा विधायकों और पिछला विधानसभा चुनाव हारे हुए उम्मीदवारों को उनके विधानसभा क्षेत्र में प्रचार से लेकर बूथ स्तर तक की जिम्मेदारी सौंप दी है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने यह जिम्मेदारियां आलाकमान के निर्देशों के बाद सौंपी है।
आपको बता दें कि आलाकमान ने हाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट तथा प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे को दिल्ली बुलाया था। इस दरम्यान यह निर्णय किया गया कि सभी मंत्री अपने गृह जिलों में ही सक्रिय रहते हुए अपने जिले से पार्टी प्रत्याशी को जिताना होगा।
जानकारी में रहे कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पहले ही कह चुके हैं कि लोकसभा का चुनाव मंत्री, विधायक और संगठन के पदाधिकारियों के लिए किसी परीक्षा की घड़ी से कम नहीं है। यह उनके भविष्य को तय करेगा। जो मंत्री चुनाव में कमजोर रहेगा, उसके लिए पद पर बने रहने को लेकर खतरा बनेगा, जबकि जो विधायक बेहतर परिणाम देगा, उसके भविष्य में मंत्रिमण्डल में आने की उम्मीद रहेगी। कमोबेश ऐसी ही स्थिति पार्टी पदाधिकारियों पर लागू होगी
गहलोत-पायलट से ज्यादा चर्चा बटोर गई कांग्रेस के इस स्थानीय नेता की यह बात…!