Wednesday, May 15, 2024
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भारत के लिए गर्व का दिन, चंद्रयान-2 लॉंच, अब 7 सितम्‍बर को…

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श्रीहरिकोटा। भारत के लिए आज बेहद खास गर्व का दिन है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-2 लॉन्च कर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-2 दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ। प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद ही यान सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया। इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा है कि “ये ऐलान कर बहुत खुश हूं कि जीएसएलवी-3 ने चंद्रयान-2 को धरती से 6 हजार किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित कर दिया है। ये हमारी ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। यान चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचेगा। सभी तकनीकी गड़बड़ियों का पता लगाकर सुलझा लिया गया था। अगले डेढ दिन में जरूरी टेस्ट किए जाएंगे, जिससे तय होगा कि मिशन सही दिशा में है।

चंद्रयान-2 लॉन्चिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह देश के गौरवशाली इतिहास का सबसे खास पल बनेगा। यान की कामयाब लॉन्चिंग वैज्ञानिकों की अथक मेहनत और 130 करोड भारतीयों की इच्छाशक्ति के कारण हुई। यह विज्ञान के नए आयाम खोलेगा। आज हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा होगा।

इसरो को बधाई : राष्ट्रपति

श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान-2 का ऐतिहासिक प्रक्षेपण हर भारतीय के लिए एक गर्व का क्षण है। भारत के स्वदेशी अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए ISRO के सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। मेरी कामना है कि टेक्नॉलॉजी के नए-नए क्षेत्रों में ‘इसरो, नित नई ऊंचाइयों तक पहुंचे। चंद्रयान-2 अब से लगभग 50 दिनों में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरने वाला पहला अंतरिक्ष-यान होगा। आशा है यह मिशन नई खोजों को जन्म देगा और हमारी ज्ञान प्रणालियों को समृद्ध करेगा। मैं चंद्रयान-2 टीम की सफलता की कामना करता हूँ। —रामनाथ कोविन्द, राष्ट्रपति, भारत

एक दिन पहले की गई लॉन्च रिहर्सल

इसरो ने शनिवार को चंद्रयान-2 की लॉन्च रिहर्सल पूरी की थी। इसरो ने गुरुवार को ट्वीट किया था कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग 15 जुलाई की रात 2.51 बजे होनी थी, जो तकनीकी खराबी के कारण टाल दी गई थी। इसरो ने एक सप्‍ताह के अंदर सभी तकनीकी खामियों को ठीक कर लिया है।

आपको बता दें कि लॉन्चिंग की तारीख भले ही एक सप्‍ताह आगे बढ़ गई हो, लेकिन चंद्रयान-2 चांद पर तय तारीख 7 सितंबर को ही पहुंचेगा। इसे समय पर पहुंचाने का मकसद यही है कि लैंडर और रोवर तय शेड्यूल के हिसाब से काम कर सकें। समय बचाने के लिए चंद्रयान पृथ्वी का एक चक्‍कर कम लगाएगा। पहले पांच चक्‍कर लगाने थे, पर अब चार चक्‍कर लगाएगा। इसकी लैंडिंग ऐसी जगह तय है, जहां सूरज की रोशनी ज्यादा है। रोशनी 21 सितंबर के बाद कम होनी शुरू होगी। लैंडर-रोवर को 15 दिन काम करना है, इसलिए समय पर पहुंचना जरूरी है। इस बार चंद्रयान-2 का वजन 3,877 किलो होगा। यह चंद्रयान-1 मिशन (1380 किलो) से करीब तीन गुना ज्यादा है। लैंडर के अंदर मौजूद रोवर की रफ्तार 1 सेमी प्रति सेकंड रहेगी।

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