बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। ब.ज.सि. रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय में बुधवार को विधिक सहायता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के विधि विभाग के अधिष्ठाता एवं प्रो. डॉ. अमरपाल सिंह थे।
विधि विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रो. सिंह ने बताया कि जीवन में कोई भी विद्यार्थी सिर्फ डिग्री प्राप्ति के लिए नहीं भागे, उसका उद्देश्य अपने विषय पर पारंगतता होनी चाहिए। प्रो. सिंह ने विद्यार्थियों को गीता के श्लोक के माध्यम से समझाया कि प्रत्येक व्यक्ति को कर्म इस प्रकार से करना चाहिए कि वह आगे आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरण बन सके। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि प्रत्येक व्यक्ति धारा में परिवर्तन कर सके परन्तु वह आने वाले व्यक्तियों के लिए उदाहरण बन सकता है। प्रो. सिंह ने विधि विद्यार्थियों को निशुल्क विधिक सहायता से संबंधित प्रावधानों के बारे मे भी विस्तार से समझाया।
इससे पहले महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता एस. के. भाटिया ने प्रो. सिंह का परिचय एवं स्वागत उद्बोधन दिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनन्त जोशी ने प्रो. सिंह का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम न सिर्फ महाविद्यालय वरन् उनके स्वयं के लिए गौरव का पल है जिसमें विधि क्षेत्र के एक जाने माने व्यक्तित्व से उद्बोधन का अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम के अन्त में डॉ. रीतेश व्यास ने प्रो. सिंह का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ. बालमुकुन्द व्यास, डॉ. राकेश धवन, डॉ. शराफत अली, किसन, श्यामनारायण रंगा एवं विधि विद्यार्थी उपस्थित थे।
डिग्री के साथ विषय में पारंगतता भी जरूरी : प्रो. सिंह
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