









बीकानेर abhayindia.com ग्रामीण क्षेत्र के तहत आने वाली सेवा संगठन से जुड़ी निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों की बैठक फोर्ट डिस्पेंसरी के पास सूरसागर के पीछे धोबी धोरा रोड पर संगठन के प्रदेश कार्यालय में जगदीश तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
इस दौरान कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। इसमें कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों को शुरू करवाने,आरटीई का बकाया भुगतान करवाने, शिक्षा सत्र 2020- 21 आरटीई की द्वितीय किस्त की फीस का पुनर्भरण शीघ्र करने, कक्षा 9 से 12 तक प्रवेश के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोलने, आरटीई के तहत लॉटरी से प्राप्त 25 प्रतिशत विद्यार्थियों का प्रवेश करने के लिए पोर्टल पुन: शुरू करने सहित मांग उठाई गई। वक्ताओं ने कहा कि मांग नहीं माने जाने की स्थिति में निजी स्कूल संचालकों की ओर से स्कूल शिक्षा वेलफेयर एसोसिएशन राजस्थान के बैनर तले आरटीई के तहत निशुल्क अध्ययनरत बालकों के अभिभावकों को साथ लेकर आंदोलन करने पर चर्चा की गई।
प्रदेशाध्यक्ष कोडाराम भादू ने कहा कि सीबीएसई स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से 70 प्रतिशत व राजस्थान बोर्ड से संबंधित विद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों से 60 प्रतिशत शुल्क लेने का आदेश माननीय उच्च न्यायालय की ओर से निर्णय दिया गया। आरटीई में अध्ययन करने वाले बालकों की फीस का पुनर्भरण गत शिक्षा सत्रों में सरकार की ओर से किया जा रहा है। इससे केंद्र और राज्य सरकार का अपना अपना योगदान है।
सरकार निभाए दायित्व…
सरकार अपने दायित्वों को निभाएं एवं आरटीई के तहत निशुल्क अध्ययन करने वाले बालकों की फीस का पुनर्भरण करें। इस संबंध में संगठन शीघ्र ही निदेशक माध्यमिक शिक्षा के माध्यम से सरकार को अपनी समस्याओं को भिजवा कर निर्धारित समय में समाधान करने की मांग करेगी ।समस्याओं का समाधान नहीं होने की स्थिति में संगठन आंदोलन का रास्ता अपनाएगा।
बैठक में बजरंग कंस्वां, हासम अली, बाबूलाल कुमावत, संतोष भादू, रंजना पंडित, नरेश कुमार, रामलाल मांजू, फरसा राम कुकणा, अमित पांडेय, बजरंग भाटी, सरवन जाट, अमित पंडित, मंतूराम, सहीराम कस्वां, रामकिशन गोदारा, मनोहर जोशी, कृपालदान राजेंद्र मोगा। जेठाराम चौधरी, गुलाब सिंह राठौड़ आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखे।




