बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश के करौली जिले में चलती स्कूल बस के टूटे फर्श से सड़क पर गिरने से हुई मासूम की मौत के बाद परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग दोनों की नींद टूट गई है।
बीकानेर जिले में शनिवार को 100 बाल वाहिनियों की जांच की गई। इस दरम्यान स्कूल के बच्चों को ले जा रहे 32 वाहनों के चालान काटे गए और 10 वाहन सीज कर लिए गए। जांच में बाल वाहिनियों में बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से खामियां पाई गई।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (आरटीओ) नेमीचंद पारीक के मुताबिक ६ निरीक्षकों की टीम ने अलग-अलग जगहों पर बाल वाहिनियों की जांच की। उन्होंने बताया कि जिन बाल वाहिनियों में सुरक्षा के लिहाज से खामियां पाई गई उनसे संबंधित स्कूल मालिकों को सोमवार को नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्हें दो सप्ताह में बाल वाहिनियों से जुड़े सभी मापदंड पूरे करने की हिदायत दी जाएगी। इसके बाद भी यदि लापरवाही सामने आई तो संबंधित वाहन सीज करेंगे।
इधर, शिक्षा विभाग भी प्रदेश की स्कूलों में चलने वाली बाल वाहिनियों द्वारा नियमों की अनदेखी करने पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शनिवार को इसे लेकर आदेश जारी करते हुए 16 बिन्दुओं की गाइड लाइन तय कर दी है।इसके अनुसार अब बसों में एक केयर टेकर लगाने, जीपीएस और स्पीड गवर्नर लगाना भी अनिवार्य किया गया है। बाल वाहिनी के नियमों की पालना बच्चों को लाने और ले जाने वाले वाहनों में पूरी तरह से हो रही है, इसका प्रमाण-पत्र निजी स्कूलों से लेने के लिए संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को पाबंद किया गया है। डीईओ संबंधित स्कूलों से सर्टिफिकेट लेकर 15 दिन के अंदर शिक्षा निदेशालय को यह प्रमाण देगा की उसके जिले के समस्त निजी स्कूल बच्चों के सुरक्षित सफर के लिए जारी किए गए 16 बिन्दुओं की पालना कर रहे हैं।
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