नई दिल्ली/जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहता है, जबकि इन दोनों ही नेताओं ने अपने-अपने राज्य में ही रहकर काम करने की इच्छा जताई है।
पार्टी नेतृत्व ने हाल में गठित 17 समितियों में से किसी में भी इन दोनों नेताओं को कोई पद नहीं दिया है। इससे यह जाहिर होता है कि पार्टी इन्हें केंद्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका में लाना चाहती है। आपको बता दें कि ये दोनों ही नेता अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि रमन सिंह और वसुंधरा राजे लोकसभा चुनाव लडऩे को लेकर इसलिए तैयार नहीं हो रहे हैं, क्योंकि दोनों के ही पुत्र मौजूदा लोकसभा के सदस्य हैं। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व यदि दोनों को लोकसभा का उम्मीदवार बनाता है तो इनके बेटों की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है।
इधर, लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से बनाई गई 17 समितियों में भले ही वसुंधरा और रमन सिंह को जगह नहीं दी गई है, लेकिन मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संकल्प पत्र समिति में जगह दी गई है। इन समितियों में केंद्रीय मंत्रियों, संगठन के पदाधिकारियों और हिंदीभाषी राज्यों के नेताओं को प्रमुखता से जगह दी गई है।
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