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बीकानेर abhayindia.com वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देशभर में लोग परेशान है। यह एक ऐसा रोग है जो हमारे अपनों को काल का ग्रास बनाकर अपूर्व राष्ट्रीय और पारिवारिक क्षति कर रहा है। इसीलिए घर में रहकर अपने इष्ट का निरन्तर सुमिरन जप करते रहें।
डरे या घबराएं बिल्कुल भी नहीं, बल्कि अपनों का मनोबल ऊंचा रखें। यह बात सेवा निवृत्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश एनडी व्यास ने रमक झमक में शतचंडी महायज्ञ के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मानव कल्याण की कामना के लिए यहां हो रहा शतचंडी महायज्ञ अपने आप में अनूठा है। इस यज्ञ का उद्देश्य ही जनकल्याण की भावना से प्राणियों का कल्याण प्रमुख है। ज्योतिषी कर्मकांडी पण्डित राजेन्द्र किराड़ू ने कहा कि समय आकस्मिक संकटों से माँ दुर्गा व भैरव शीघ्र छुटकारा दिलाने में समर्थ है ऐसे समय में शतचण्डी महायज्ञ का महत्व अधिक बढ़ जाता है किराड़ू ने आयोजक व यज्ञाचार्य को बधाई दी।
रमक झमक के संस्थापक अध्यक्ष पं. प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने बताया कि इस महा यज्ञ से बिगड़े हुए ग्रहों की स्थिति को सही किया जा सकता है और इस विधि के बाद सौभाग्य आपका साथ देने लगता है तथा वायुमंडल शुद्ध होता है तथा यज्ञपुरुष भगवान की कृपा सम्पूर्ण आभामंडल में फैलती है जो सब पर बरसती है ओझा ने कहा कि हर सनातनी व्यक्ति को यज्ञ को कम से कम माह में 2 दिन अमावस्या पूर्णमासी को हवन अवश्य करना चाहिये।
शतचंडी महायज्ञ के आचार्य पण्डित गणेश कुमार ने शतचण्डी महायज्ञ में दुर्गा के मूल मंत्र सहित 700 श्लोकों से शाकल्य, हलवा, खीर के अलावा विभिन्न ओषधियों से विशेष आहुतियां दिलाई। समापन वसोधारा व देवी क्षमा प्रार्थना से कराया तथा महा आरती की तथा सब के आरोग्य की कामना से प्रार्थना करवाई। इससे पूर्व देवी के 108 नामों का पुष्प से पूजन तथा पंचामृत से अभिषेक किया गया तथा क्षेत्रपाल भैरवनाथ का पूजन सृंगार कर स्तोत्र पठन किया गया और विश्व को भय संकट तथा कष्टों से मुक्ति के लिये प्रार्थना की गई।
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