








Bikaner. Abhayindia.com योग व प्राकृतिक चिकित्सा अपनाये तथा शारीरिक व मानसिक दुर्बलता को दूर भगाए एवं देश व समाज को स्वस्थ बनाए। यह बात आज राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गंगाशहर में संरक्षक रहे स्व. वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित सप्त दिवसीय निःशुल्क योग, ध्यान एवं शिरोधारा शर के समापन समारोह पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए गिनीज बुक में नाम दर्ज देश की सर्वोच्च जादूगर आंचल कुमावत ने कही।
समारोह में जादूगर आंचल कुमावत ने केन्द्र के योग भवन में सैकड़ों लोगों व बच्चों को निःशुल्क रूप से एक घंटे के जादू शो के साथ अपना जादूई करिश्मा दिखाकर वाहवाही लूटी तथा बच्चों व बुजुर्गों को ज्ञानवर्धक अपनी कला का प्रदर्शन कर आशीर्वाद लिया। सभी ने वंस मोर-वंस मोर का उद्घोष किया और तालियों की गूंज के साथ स्वागत किया।
समारोह में केन्द्र की चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता ने आंचल के जादूई करिश्मा की तारीफ करते हुए कहा कि ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं‘‘ की अभिव्यक्ति यहां चरितार्थ होती है। बेटियों में अपूर्व क्षमता है जो किसी भी क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर सकती है। बस उन्हें सामाजिक आशीर्वाद की महती आवश्यकता है।
संस्था मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि सप्त दिवसीय शिविर में सैकड़ों लोगों ने योग, ध्यान व शिरोधारा का लाभ लेकर शरीर को स्वस्थ रखने के उपाय सीखें है। संस्था सदैव निहित जन सेवार्थ कार्यों में जन सहयोग से कीर्तिमान स्थापित कर रही है, जो सामाजिक सेवा का बड़ा प्रकल्प है।
संस्था अध्यक्ष वेद प्रकाश चतुर्वेदी व उपाध्यक्ष भगवान अग्रवाल ने भी संबोधित कर संस्था के जनहित के नए आयामों के बारे में बताया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पार्षद एवं भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सुमन छाजेड़ तथा भाजपा नैत्री डॉ. मीना आसोपा ने भी जादूगर आंचल की सराहना करते हुए आगे बढ़ने के आह्वावा के साथ उत्साहवर्द्धन किया। समारोह में जादूगर आंचल का संस्थान द्वारा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए तथा ज्ञानवर्धक जादूई प्रदर्शन के लिए पुष्प गुच्छ के साथ प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में संस्थान के पदाधिकारियों सहित हनुमान सिंह चावड़ा, भंवरलाल गहलोत, संतोष व्यास, सांगीलाल गहलोत, प्रबुद्ध समाजसेवी पूनमचंद खत्री, प्रदीप भटनागर, भाजपा मंडल अध्यक्ष जेठमल नाहटा, रामचन्द्र आचार्य, योगाचार्य रतन तांबोली, घनश्याम छींपा तथा समाज के विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति रही।





