Wednesday, April 23, 2025
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बीकानेर: सुनों इस साल की बात, अपनी सुरक्षा अपने हाथ…

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ज्योतिषी गणनाओं में संवत् 2078 भी महामारी, रोग, प्राकृतिक आपदा युक्त

बीकानेर abhayindia.com भारतीय ज्योतिष गणनाओं की माने तो नव संवतï 2078 भी चुनौतियों से भरा होगा। इस वर्ष में भी महामारी, रोग, प्राकृतिक आपदाएं रहेगी।

ज्योतिषकर्ता पंडित ब्रजेश्वरलाल व्यास के अनुसार ज्योतिष सिद्वान्त संहिता होरा के सही आंकलन के द्वारा प्रति वर्ष पंचाग के माध्यम से तिथि वार नक्षत्र योग करण से सृष्टि पर प्रकृति का प्रभाव, वायु का रुख कैसा रहेगा इन सब बातो ध्यान में रखते हुए आमजन के सामने हमारे विद्वान देवज्ञ सम्पूर्ण जानकारी देते हैं जिसमें वायु, वर्षा, आंधी, भूकम्प, महामारी, व्याधि, उत्साह, उग्रता, पाप आदि कई तरह की जानकारियों से आमजन को बताते हैं। सृष्टि में कई शाक्तियां कार्य कर रही हैं जिसका प्रभाव भूमण्डल और भू वासियों पर पड़ रहा हैं।

वायु मण्डल में भिन्न भिन्न प्रभाव पडऩे से ओले गिरते हैं, बिजली चमकती हैं अधिक वृष्टि से जन धन की हानि होती है। मनुष्यों में जुकाम, बुखार, हैजा, मलेरिया समय समय पर होता हैं ज्योतिष सिंद्वान्त में सम्वतसर में देश भेद का विवाद उत्पन्न होता हैं। यह विवाद जब घटनाओं का सही फलाफल आंखो के सामने घटता हैं तब यह विश्वास होता हैं कि वास्तव में किस सिद्वांत के मान से संवत्सर की गणना करे कि आम जन के मन मे विश्वास बना रहे। सम्वत 2077 सन् 2020 में एक पंचाग में तो आनंदी नामकीय संवत्सर 48 बताया गया तो दूसरे पंचागों में प्रमादी 47 संवत्सर बताया गया, लेकिन फला फल प्रमादी का मिला न की आनंदी का। दुनिया में जब कोरोना महामारी फैली तब फलाफल प्रमादी का मिला आनंदी का नहीं मिला।

इसका नाम राक्षस…

इस वर्ष सम्वत 2078 में राक्षस नाम का वर्ष है जिसका स्वामी शुक्र हैं जो 18 अप्रेल २०२१ को अश्विनी नक्षत्र देवगण में उदय हो रहा हैं शुक्र जलतत्व वाला जलीय ग्रह हैं। शरीर में इससे गुप्त रोग, मधुमेह, प्रदर, कफ, वायु विकार, नेत्र, जुकाम आदि रोग में वृद्वि हो सकती है।

मेघ महोदय में लिखा हैं…

भृगुसुत: कुरुते अभ्युदयं यदा,सुरगर्णक्षगत: खलु सिन्धुषु।

सकल गुर्जर कर्बटमण्डले,भवति सस्यविनाशमहारुजे ।।

यदि शुक्र का उदय देवगण के नक्षत्र मे हो तो गुजरात कर्वट सिंधु देशो में खेती का नाश ओर महारोग होगा। चैत्र मास में धूल भरी आंधी, बैशाख -ज्येष्ठ मास में तेल में तेजी रहेगी कार्तिक में रोग से व्याकुलता रहेगी 20 अप्रेल 20021 को शुक्र भरणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा, जिससे सौराष्ट्र में विग्रह मारवाड़ में दुर्भिक्ष होगा। इस बार चैत्र सुदी एकम के दिन मंगलवार होने से इस वर्ष टीडी,चूहों का अधिक उपद्रव होगा। चैत्र शुक्ला अष्टमी मंगल वार होने से इस वर्ष वर्षा की कमी रहेगी आषाढ़ के प्रथम पक्ष की दूज शनिवार के दिन की होने से निश्चय ही दुष्काल पड़ेगा। श्रावण बदी अमावस को पुष्य नक्षत्र होने से इस वर्ष जल कम बरसेगा।

ज्योतिष दोहावली में लिखा हैं…

कर्क मकर संक्रान्ति दो, बैठे एक ही वार। या धरती का धर पड़े,देशो पड़े दुकार।।

अर्थात कर्क और मकर संक्रान्ति दोनों का प्राम्भिक एक ही वार को हो तब पृथ्वी पर विप्लव,अकाल अथवा राजभंग होने की सम्भावना होती हैंै । यह योग इस वर्ष बने हुए हैं।

सोम मंगल शिवरात्रि,पश्चिम वायु दिन रात। टीडी, घोड़ा,युद्व मचे, काल पड़े महाघात ।।

फाल्गुन मास में शिवरात्रि पर्व यदि सोमवार या मंगल वार को हो और पश्चिम दिशा की वायु चले तों टिडी,पशुओं और चूहों का उपद्रव होता हैं, युद्व के ताण्डव और अकाल के कारण जन मानस ़त्रस्त होता हैं । इस बार महा शिवरात्रि मंगलवार १ मार्च 2022 को हैं।

भादवा सुदी पंचमी को स्वाति नक्षत्र इस वर्ष होने से इस बात को संकेत प्रतीत होता है की आसोज मास में गर्मी प्रबल रहेगी क्योकि तृतीया तिथी शनिवार को हैं, आश्विन शुक्ला एकादशी शनिवार होने से पृथ्वी पर छत्र भंग होगा, नगर गांव का भग होगा अर्थात युद्व की सम्भावना से भी इन्कार नही किया जा सकता हैं कार्तिक बदी पंचमी को आद्र्रा नक्षत्र होने से पशुचारा का अभाव रहेगा। माध सुदी पचमी सप्तमी सोमवार को होने से बडा दुर्भिक्ष पड़ेगा राजनीति में आपसी तनाव व युद्व की सम्भावना रहेगी। इस वर्ष प्रवेश लग्न मकर होने से उत्तर में बडा उत्पात, अकाल की सम्भवना हैं।

ज्योतिष के आधार पर देखे तो हमें दूध, दही, छाछ, चटपटे व्यंजन, मिठाई एवं तरल पेय पदार्थो से दूरी बनाए रखना उचित रहेगा। सरकारी गाईडलाइन की पालना करें।

– पं.बृजेश्वर लाल व्यास
कीकाणी व्यासो का चौक, बीकानेर।

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