बीकानेर abhayindia.com नगर निगम चुनावों के लिये नामांकन दाखिले के साथ ही चुनावी रंगत परवान चढनी शुरू हो गई है। चुनावी रणनीति के पहले चरण में भाजपा और कांग्रेस के रणनीतिकार बगावत की आग को ठंडा करने में जुट गये है। इसके लिये भाजपा से ज्यादा कांग्रेसी रणनीतिकारों को पसीना बहाना पड़ रहा है, क्योंकि कांग्रेस खेमे के दो दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों को अपने वार्डो में बागियों का सामना करना पड़ा रहा है।
जानकारी में रहे कि निकाय चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के बड़े नेता भले ही भाग्य नहीं आजमा रहे हो लेकिन यह चुनावों उनकी प्रतिष्ठा के लिये चुनौती साबित हो रहे है, इसलिये बागियों को राजी करने का जिम्मा बड़े नेताओं ने संभाल रखा है। वहीं सियासी विश्लेषकों का कहना है कि टिकट वितरण में नेताओं के बीच रस्साकसी के चलते दोनों ही पार्टियों के चुनावी समीकरण कुछ गड़बड़ाने की आशंका है। टिकट वितरण से असंतुष्ट भाजपा व कांग्रेस नेताओं की मुश्किल बढ़ी हैं। कार्यकर्ताओं के ये बगावती तेवर दोनों ही दलों का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं।
अब लगाना पड़ रहा जोर
निकाय चुनाव के टिकट वितरण में भाजपा व कांग्रेस के कई नेता अन्य पदाधिकारी व नेताओं पर भारी पड़े। ऐसे नेता अपने समर्थकों को टिकट दिला पाने के साथ ही दूसरे नेताओं के समर्थकों के टिकट कटवाने में भी कामयाब रहे। टिकट वितरण में भारी पड़े नेताओं की परीक्षा अब पार्षद के चुनाव में होनी है। टिकट दिलवाने में कामयाब रहे नेताओं की चिंता अब अपने समर्थक प्रत्याशियों को जीत दिलाने की है। चुनाव परिणाम विपरीत रहने पर ऐसे नेताओं की प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है।
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